उमा ने कहा नहीं लड़ूंगी लोकसभा चुनाव
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मैं खुद स्टार प्रचारक हूं, संगठन पदाधिकारियों को पहले ही बता दिया
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज साफ कर दिया कि वे लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि इसकी वजह भी उन्होंने संगठन के सबसे बड़े पदाधिकारी को बताई है। पार्टी को जहां मेरी जरूरत पड़ेगी, मैं प्रचार करूंगी। मुझे स्टार प्रचारक घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं खुद स्टार प्रचारक हूं। उन्होंने साफ कर दिया कि अगले दो साल अपने आप को गंगा जी के कार्य में झोंकना चाहती हूं। 2 साल में गंगा जी के काम को पूरा करूंगी।
उमा भारती ने यह बात आज मीडिया से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिन से एक चर्चा का सामना उन्हें करना पड़ रहा है कि मैं कहां से चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हूं? 22 जनवरी को मैंने संगठन के महत्वपूर्ण व्यक्ति को यह बता दिया था कि मैं दो साल चुनाव नहीं लड़ूंगी। उन्होंने कहा कि जब मैं राम मंदिर प्राण प्रतिश्ठा समारोह में अग्रीम पंक्ति में बैठी थी, तो अयोध्या आंदोलन की यादें ताजा हो गई। मुझे लगा किसकी वजह से आज ये पल देखने को मिला है। तो वे थे अशोक सिंघल, उनकी दृढ़ता का परिणाम था कि प्राण प्रतिश्ठा हो पाई। उसी वक्त मुझे लगा कि मेरी दृढ़ता में कोई कमी रह गई जिसके कारण गंगा का काम अधूरा रह गया। उसी समय में संगठन के महत्वपूर्ण व्यक्ति के पास गई और कहा कि अगर मैं चुनाव लड़ी तो संसदीय क्षेत्र और गंगा का काम दोनों ही अधूरे रहेंगे। मैं दोनों काम एक साथ नहीं कर सकूंगी। इसलिए मुझे दो साल की स्वतंत्रता चाहिए।
उमा ने कहा कि इसके बाद वे 24 फरवरी को संगठन मंत्री संतोष कुमार से मिली और अपनी बात कही। मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि अगर प्रचार करना पड़ा तो मैं पार्टी के लिए प्रचार करूंगी। मुझे इस कार्य में संगठन और सरकार दोनों का सहयोग चाहिए। संतोश जी ने कहा कि मैं यह बात सबको बता दूंगा। उमा भारती ने इस सिलसिले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी संदेश दिया है, मैंने उन्हें इमेल भी किया है। उमा का कहना है कि वे लोकसभा चुनाव को लेकर संगठन को बता चुकी हूं कि मैं दो साल चुनाव नहीं लड़ूंगी। मैं जेपी नड्डा के बयान का इंतजार कर रही थी कि उनकी ओर से बयान आ जाए, मैंने उनसे कहा कि मेरे जैसे वरिश्ठ कार्यकर्ता की बात का सम्मान रखिए, ऐसे व्यक्ति के आत्मसम्मान का ध्यान रखा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि उमा भारती को लेकर चुनाव लड़ने की चर्चाएं इसलिए हो रही थीं कि कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगी। अब उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला है। टिकट बंटवारे के बाद उमा भारती सफाई देने आईं कि उन्होंने अयोध्या में ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज साफ कर दिया कि वे लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि इसकी वजह भी उन्होंने संगठन के सबसे बड़े पदाधिकारी को बताई है। पार्टी को जहां मेरी जरूरत पड़ेगी, मैं प्रचार करूंगी। मुझे स्टार प्रचारक घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं खुद स्टार प्रचारक हूं। उन्होंने साफ कर दिया कि अगले दो साल अपने आप को गंगा जी के कार्य में झोंकना चाहती हूं। 2 साल में गंगा जी के काम को पूरा करूंगी।
उमा भारती ने यह बात आज मीडिया से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिन से एक चर्चा का सामना उन्हें करना पड़ रहा है कि मैं कहां से चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हूं? 22 जनवरी को मैंने संगठन के महत्वपूर्ण व्यक्ति को यह बता दिया था कि मैं दो साल चुनाव नहीं लड़ूंगी। उन्होंने कहा कि जब मैं राम मंदिर प्राण प्रतिश्ठा समारोह में अग्रीम पंक्ति में बैठी थी, तो अयोध्या आंदोलन की यादें ताजा हो गई। मुझे लगा किसकी वजह से आज ये पल देखने को मिला है। तो वे थे अशोक सिंघल, उनकी दृढ़ता का परिणाम था कि प्राण प्रतिश्ठा हो पाई। उसी वक्त मुझे लगा कि मेरी दृढ़ता में कोई कमी रह गई जिसके कारण गंगा का काम अधूरा रह गया। उसी समय में संगठन के महत्वपूर्ण व्यक्ति के पास गई और कहा कि अगर मैं चुनाव लड़ी तो संसदीय क्षेत्र और गंगा का काम दोनों ही अधूरे रहेंगे। मैं दोनों काम एक साथ नहीं कर सकूंगी। इसलिए मुझे दो साल की स्वतंत्रता चाहिए।
उमा ने कहा कि इसके बाद वे 24 फरवरी को संगठन मंत्री संतोष कुमार से मिली और अपनी बात कही। मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि अगर प्रचार करना पड़ा तो मैं पार्टी के लिए प्रचार करूंगी। मुझे इस कार्य में संगठन और सरकार दोनों का सहयोग चाहिए। संतोश जी ने कहा कि मैं यह बात सबको बता दूंगा। उमा भारती ने इस सिलसिले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी संदेश दिया है, मैंने उन्हें इमेल भी किया है। उमा का कहना है कि वे लोकसभा चुनाव को लेकर संगठन को बता चुकी हूं कि मैं दो साल चुनाव नहीं लड़ूंगी। मैं जेपी नड्डा के बयान का इंतजार कर रही थी कि उनकी ओर से बयान आ जाए, मैंने उनसे कहा कि मेरे जैसे वरिश्ठ कार्यकर्ता की बात का सम्मान रखिए, ऐसे व्यक्ति के आत्मसम्मान का ध्यान रखा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि उमा भारती को लेकर चुनाव लड़ने की चर्चाएं इसलिए हो रही थीं कि कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगी। अब उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला है। टिकट बंटवारे के बाद उमा भारती सफाई देने आईं कि उन्होंने अयोध्या में ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।