शपथ लेने के 42 दिन हो गए, बेरोजगारों को नौकरी देने का क्या हुआ?
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने उठाए सवाल, बेरोजगारी पर घेरा सरकार को
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज सरकार पर हमला बोला है। पटवारी ने बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के शपथ लेने के 42 दिन हो गए, प्रदेश में युवाओं को नौकरी देने की मोदी गारंटी का क्या हुआ?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 42 दिन बाद ट्वीट कर कई गंभीर सवाल दागे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि मध्य प्रदेश के युवाओं को नौकरी देने की मोदी गारंटी का क्या हुआ? इसके साथ ही उन्होंने रामचरितमानस की चौपाई की पंक्तियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को कर्म करते हुए युवाओं को नौकरी देने की मांग की है। पटवारी ने लिखा कि देश में नौकरियों की तस्वीर चिंताजनक है। 4 साल में निजी क्षेत्र में नई नौकरियों में सालाना 3.1 प्रतिशत की ही ग्रोथ आई है, जबकि जीडीपी ग्रोथ रेट 4.5 प्रतिशत के आसपास रही है. उन्होंने आगे लिखा कि प्री-कोविड की तुलना में 2,975 कंपनियों में से 49.44 प्रतिशत में 8.2 लाख रोजगार घट गए हैं।
कंपनियों में घट रही है नौकरियां
बेरोजगारी पर पटवारी लिखा है कि 14 सेक्टर की कंपनियों में सबसे ज्यादा नौकरियां घटी हैं। इनमें मुख्य रूप से टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल व एंसीलरी सेक्टर्स शामिल हैं. कोविड के पहले इनमें 7.06 लाख नौकरियां थीं, जो अब 34.13 प्रतिशत घटकर 4.65 लाख ही रह गई है। मतलब सालाना गिरावट 8.35 प्रतिशत की दर से रोजगार के मौके में गिरावट आ रही है।
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज सरकार पर हमला बोला है। पटवारी ने बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के शपथ लेने के 42 दिन हो गए, प्रदेश में युवाओं को नौकरी देने की मोदी गारंटी का क्या हुआ?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 42 दिन बाद ट्वीट कर कई गंभीर सवाल दागे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि मध्य प्रदेश के युवाओं को नौकरी देने की मोदी गारंटी का क्या हुआ? इसके साथ ही उन्होंने रामचरितमानस की चौपाई की पंक्तियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को कर्म करते हुए युवाओं को नौकरी देने की मांग की है। पटवारी ने लिखा कि देश में नौकरियों की तस्वीर चिंताजनक है। 4 साल में निजी क्षेत्र में नई नौकरियों में सालाना 3.1 प्रतिशत की ही ग्रोथ आई है, जबकि जीडीपी ग्रोथ रेट 4.5 प्रतिशत के आसपास रही है. उन्होंने आगे लिखा कि प्री-कोविड की तुलना में 2,975 कंपनियों में से 49.44 प्रतिशत में 8.2 लाख रोजगार घट गए हैं।
कंपनियों में घट रही है नौकरियां
बेरोजगारी पर पटवारी लिखा है कि 14 सेक्टर की कंपनियों में सबसे ज्यादा नौकरियां घटी हैं। इनमें मुख्य रूप से टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल व एंसीलरी सेक्टर्स शामिल हैं. कोविड के पहले इनमें 7.06 लाख नौकरियां थीं, जो अब 34.13 प्रतिशत घटकर 4.65 लाख ही रह गई है। मतलब सालाना गिरावट 8.35 प्रतिशत की दर से रोजगार के मौके में गिरावट आ रही है।