कहीं घोटालों को छिपाने के लिए “सतपुड़ा मॉडल” का दूसरा संस्करण तो नहीं
ई नगर पालिका हैक मामले पर नेता प्रतिपक्ष का आरोप
भोपाल। ई नगर पालिका हैक मामले पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बड़ा आरोप लगाया है। सिंघार ने कहा कि कहीं ई नगर पालिका हैक मामला भाजपा सरकार में हुए घोटालों एवं भ्रष्टाचारों को छिपाने के लिए “सतपुड़ा मॉडल” का दूसरा संस्करण तो नहीं। इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट कर सरकार पर सवाल किया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गत 21 दिसंबर 2023 को कथित साइबर अपराधियों ने मध्यप्रदेश में ई- नगरपालिका पोर्टल के डाटा को हैक कर लिया था और लगभग तीन हफ़्ते बीत जाने के बाद भी अब तक व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चालू नहीं हो पाई हैं। इस साइबर अटैक से पूरे प्रदेश की 413 नगर पालिकाओं के डाटा को नुकसान पहुंचा है, सिर्फ ऑफलाइन और बैकअप डाटा ही अभी तथाकथित रूप से बचाया गया है, प्रॉपर्टी, सीवरेज, जल कर, मैरिज सर्टिफिकेट, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे तमाम काम अभी पूरी तरह से पटरी पर नहीं आ पाए हैं। यही नहीं ई- नगर पालिका के बाद नेशनल हेल्थ मिशन का डाटा भी हैक होने की बात सामने आ रही है। इन सब के बदले हैकर्स द्वारा करोड़ों रुपए मांगे जाने की बात भी सामने आ रही है।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त साइबर हमले की समीक्षा में पाया गया है कि समूची व्यवस्था में गंभीर खामियां थीं, मसलन 215 करोड़ रुपए की लागत से तैयार पोर्टल को 11 साल पुराने सिस्टम से ऑपरेट किया जा रहा था। इसके साथ ही नगरीय प्रशासन विभाग ने 50 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टीज के डाटा के डिजिटलाइजेशन में भी गंभीर लापरवाही बरती। जिस ई- नगर पालिका पोर्टल को हैक किया गया था, बैकअप डाटा भी उसी के सर्वर पर लोड किया गया था। यह डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोटोकॉल का अक्षम्य उल्लंघन था। यह बात भी सामने आई कि विभाग ने अपने पोर्टल का री- ऑडिट तक नहीं कराया था और इस गंभीर लापरवाही के बारे में जब पूछा गया तो विभाग ने हास्यास्पद और बचकाना तर्क देते हुए बताया कि उन्होंने वर्ष- 2022 में ऑडिट के लिए मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को पत्र लिखा था लेकिन चूंकि कार्पोरेशन के पास आवश्यक तकनीक से ऑडिट करने के विशेषज्ञ ही मौजूद नहीं थे, इसलिए ऑडिट नहीं हो पाया था।