व्यसन समाज-परिवार के पतन का कारण : राज्यपाल श्री पटेल
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सामाजिक उत्थान और समृद्धि के लिए हमें व्यसन-मुक्त समाज का निर्माण करना होगा। व्यसन से सामाजिक विकृतियाँ आती हैं, व्यसन समाज परिवार के पतन का कारण बन जाता है। राज्यपाल श्री पटेल ने आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित “मेरा मध्यप्रदेश व्यसन-मुक्त मध्यप्रदेश” अभियान का शुभारंभ कर रहे थे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि “मेरा भारत स्वस्थ भारत” राष्ट्रीय अभियान विगत कई वर्षों से संस्था द्वारा उन्नत और विकसित भारत निर्माण की दिशा में चलाया जा रहा है। प्रदेश स्तर पर संस्था द्वारा “मेरा मध्यप्रदेश व्यसन मुक्त मध्यप्रदेश” अभियान का शुभारंभ सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अभियान में सम्पूर्ण समाज को व्यसनों से मुक्त बनाने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन प्रशंसनीय है। जिला /तहसील/ विकासखण्ड /पंचायत स्तर पर व्यसन, विकारों में फंसे समाज के लोगों को व्यसन मुक्त बनाकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए। इस दिशा में ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा किया जा काम सराहनीय है।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जिस तरह प्रकाश की एक छोटी सी किरण अंधकार को दूर कर देती है, उसी तरह व्यसन से ग्रसित लोगों के लिए व्यसन मुक्ति के कार्य आशा की किरण से कम नहीं। उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि पान, गुटखा, शराब जैसे व्यसन विकारों से खुद को दूर रखें, व्यसन से सामाजिक विकृतियाँ आती हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि समाज सुधरेगा, तो देश और प्रदेश सुधरेगा तो विश्व गुरु कहलाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2025 तक टी.बी. उन्मूलन के संकल्प को सिद्ध करने में विश्वविद्यालय पूरा सहयोग करे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि ऐसे व्यसन मुक्ति के कार्यक्रमों से समाज के हर वर्ग के लोगों को जुड़ कर प्रेरणा लेना चाहिए। हम सभी को व्यक्तिगत रुचि लेकर संस्थान के विभिन्न प्रभागों द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण से लाभ अवश्य लेना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय डॉ. प्रतीक हजेला, ब्रह्माकुमारीज् मेडिटेशन रिट्रीट सेन्टर की निदेशक श्रीमती बी. के. नीता, ब्रह्माकुमारीज् माउंट आबू मेडिकल विंग के सचिव श्री बनारसी लाल शाह, माय इंडिया एडिक्शन फ्री इंडिया अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. सचिन प्ररब और नवजीवन अस्पताल के निदेशक डॉ ब्रिजेश सिंघल उपस्थित थे।