बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ नौकरी देने के नाम पर वसूली:- डॉ. गोविंद सिंह
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार नौकरी देने के नाम पर युवा बेरोजगारों से आवेदन शुल्क के लाखों रुपये वसूल कर रही है।सरकार बताए कि वह अभी तक कितने युवाओं को सरकारी सर्विस दे चुकी है। डॉ. सिंह ने कहा कि विगत 3 वर्षों में हुई 42 परीक्षाओं में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने प्रदेश के बेरोजगारों से 113 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वसूल कर ली और रोजगार देने के नाम पर ठन ठन गोपाल। डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने एक लाख पदों पर भर्ती करने का एलान तो कर दिया। लेकिन धरातल पर भर्ती प्रक्रिया कछुए की चाल से चल रही है ।डॉ सिंह ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में बड़ी संख्या में बेरोजगार युवकों ने पंजीयन कराया है। जिनकी संख्या 2 करोड़ के करीब है। प्रदेश के 53 हजार रोजगार कार्यालयों में पूर्व से 29 लाख से अधिक बेरोजगार युवाओं के नाम दर्ज थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 2 करोड़ से अधिक हो चुकी है। यह सिलसिला लगातार जारी है। डॉ सिंह ने कहा कि शासन के निर्देशों के बावजूद प्रदेश के 56 विभागों में रिक्त पदों की जानकारी जुटाने में ही लम्बा समय लगा दिया गया। दिसम्बर, 2022 में विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के 56 विभागों ने 01 लाख 14 हजार 114 पद रिक्त बताए गए हैं। यह सोचने वाली बात है। इतनी बड़ी संख्या में रिक्त पड़े पदों के बाद भी सरकार सोती क्यों रही।
डॉ. गोविन्द सिंह ने अपने बयान में कहा है कि प्रदेश का पढ़ा लिखा युवा दर दर की ठोकरें खाता फिर रहा है लेकिन उन्हें कहीं भी रोजगार नही मिल रहा है।माता पिता ने लाखों रुपये खर्च कर अपने बेटों को इस काबिल बनाया की सरकारी नोकरी लगने के बाद उनका बेटा बुढ़ापे का सहारा बनेगा, लेकिन यहाँ तो युवा आत्महत्या करने को मजबूर हो गया है।न तो वह मां-बाप का सहारा बन पा रहा है और न ही वह अपने बच्चों का पेट भर पा रहा है।इन हालातों में आज का युवा गलत कदम उठा रहा है। डाॅ. गोविंद सिंह ने कहा कि नौकरी देने की फर्जी घोषणाओं पर ही लाखों के विज्ञापन देना बंद करे सरकार।
नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा है कि जिन युवा बेरोजगारों की सर्विस नहीं लगती ,उन आवेदनकर्ताओं का आवेदन शुल्क सरकार व विभाग को वापस कर देना चाहिये। सरकार करोड़ो रूपये आवेदन शुल्क के नाम पर ही जमा करा लेती है ,जिससे बेरोजगार युवा अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि अखबारों में बड़े बड़े विज्ञापन देख कर बेरोजगार युवा नौकरी के लिए आवेदन करता है और जब उसका सिलेक्शन नहीं होता तो वह अपनी जीवन लीला भी समाप्त कर लेता है। डॉ. सिंह ने कहा है कि रोजगार कार्यालय सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं,रोजगार कार्यालयों में बेरोजगारों की संख्या बढ़ती चली जा रही है। डॉ. सिंह ने सरकार से मांग की है कि सरकार थोथी घोषणाएं करना बंद कर युवाओं को नोकरी दे ताकि प्रदेश का युवा अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
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