सांसदों-विधायकों से शिष्टाचार का पालन करने के निर्देश
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कार्यक्रमों में आमंत्रित में भी किया जाए आमंत्रित
भोपाल। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के निर्देश पर सभी विभाग प्रमुखों, संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के सीईओ को पत्र जारी कर सांसदों एवं विधायकों के पत्रों, निर्देशित शिष्टाचार का पालन तथा शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के निर्देश जारी किये हैं।
पत्र में कहा गया है कि समय-समय पर सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं कि सांसदों एवं विधायकों के साथ शिष्टाचार का पालन नहीं किया जाता है जिससे सांसदों एवं विधायकों को अपने कत्तव्यों के निर्वहन में असुविधाएं होती हैं तथा राज्य शासन की छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति की बैठकों के दौरान विधायकों की शिकायतें के निराकरण होने में विलंब, विभाग द्वारा जारी निर्देश के पालन का उल्लंघन होने का उल्लेख करते हुये समय-समय पर अप्रसन्नता व्यक्त की जाती है। इसलिये निर्देशित किया जाता है कि राज्य शासन द्वारा जारी शिष्टाचार के पालन के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।
उल्लेखनीय है कि संसदीय कार्य विभाग ने इस बारे में सबसे पहले 23 जनवरी 2002 को जीएडी को शिष्टाचार के पालन के संबंध में पत्र लिखा था और इसके बाद जीएडी ने 10 अगस्त 2004 से 4 अप्रैल 2022 तक कुल 19 बार इस शिष्टाचार का पालन करने के निर्देश जारी किये थे और अब पुनः बीसवीं बार ये निर्देश जारी किये गये हैं।
भोपाल। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के निर्देश पर सभी विभाग प्रमुखों, संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के सीईओ को पत्र जारी कर सांसदों एवं विधायकों के पत्रों, निर्देशित शिष्टाचार का पालन तथा शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के निर्देश जारी किये हैं।
पत्र में कहा गया है कि समय-समय पर सूचनाएं प्राप्त होती रहती हैं कि सांसदों एवं विधायकों के साथ शिष्टाचार का पालन नहीं किया जाता है जिससे सांसदों एवं विधायकों को अपने कत्तव्यों के निर्वहन में असुविधाएं होती हैं तथा राज्य शासन की छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। विधानसभा की सदस्य सुविधा समिति की बैठकों के दौरान विधायकों की शिकायतें के निराकरण होने में विलंब, विभाग द्वारा जारी निर्देश के पालन का उल्लंघन होने का उल्लेख करते हुये समय-समय पर अप्रसन्नता व्यक्त की जाती है। इसलिये निर्देशित किया जाता है कि राज्य शासन द्वारा जारी शिष्टाचार के पालन के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।
उल्लेखनीय है कि संसदीय कार्य विभाग ने इस बारे में सबसे पहले 23 जनवरी 2002 को जीएडी को शिष्टाचार के पालन के संबंध में पत्र लिखा था और इसके बाद जीएडी ने 10 अगस्त 2004 से 4 अप्रैल 2022 तक कुल 19 बार इस शिष्टाचार का पालन करने के निर्देश जारी किये थे और अब पुनः बीसवीं बार ये निर्देश जारी किये गये हैं।