नगर मंत्री से मुख्यमंत्री तक का ऐसा रहा सफर
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भोपाल। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने छात्र जीवन से अपने राजनीतिक कैरियर की ष्शुरूआत की। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिशद के उज्जैन नगर मंत्री बने। इसके बाद लगातार उनकी सक्रियता बढ़ती गई और भाजपा संगठन में उन्होंने सक्रियता दिखाई। पहली बार वे 2013 में उन्होंने उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक का चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद से 2018, 2023 का चुनाव भी वे इसी सीट से जीते। आज भाजपा संगठन ने उन्हें प्रदेश के मुखिया की जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डा मोहन यादव का राजनीतिक करियर एक तरह से 1984 में शुरू हुआ, जब उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली। वे संघ के भी कार्यकर्ता हैं। उन्होंने 2013 में उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़ा था और लगातार तीसरे चुनाव में यहां से विधायक निर्वाचित हुए हैं। इस बार उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी चेतन प्रेमनारायण यादव को 12941 वोटों से हराया था. मोहन यादव को 95699 वोट मिले थे।
ऐसा रहा कैरियर
डॉ. मोहन यादव बीएससी, एलएलबी और पीएचडी की डिग्री हासिल की है। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रहे हैं। 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए थे। भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य रहे हैं। उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं। वे 2011 से 2013 तक प्रदेश के पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे हैं।
शिवराज से लिया आशीर्वाद
विधायक दल की बैठक में जब डॉ.मोहन यादव के नाम का एलान किया गया तो मंच पर वह पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के पांव छूते देखे गए और शिवराज सिंह ने आत्मीयता के साथ सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया। मोहन यादव मध्य प्रदेश में भाजपा का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं। उनके नाम की घोषणा संभवतः 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए की गई है।
प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डा मोहन यादव का राजनीतिक करियर एक तरह से 1984 में शुरू हुआ, जब उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली। वे संघ के भी कार्यकर्ता हैं। उन्होंने 2013 में उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़ा था और लगातार तीसरे चुनाव में यहां से विधायक निर्वाचित हुए हैं। इस बार उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी चेतन प्रेमनारायण यादव को 12941 वोटों से हराया था. मोहन यादव को 95699 वोट मिले थे।
ऐसा रहा कैरियर
डॉ. मोहन यादव बीएससी, एलएलबी और पीएचडी की डिग्री हासिल की है। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रहे हैं। 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए थे। भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य रहे हैं। उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं। वे 2011 से 2013 तक प्रदेश के पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे हैं।
शिवराज से लिया आशीर्वाद
विधायक दल की बैठक में जब डॉ.मोहन यादव के नाम का एलान किया गया तो मंच पर वह पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के पांव छूते देखे गए और शिवराज सिंह ने आत्मीयता के साथ सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया। मोहन यादव मध्य प्रदेश में भाजपा का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं। उनके नाम की घोषणा संभवतः 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए की गई है।