प्रदेश को मिल सकता है पांचवा उप मुख्यमंत्री
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मालवा अंचल के नेता ही बनते रहे हैं उप मुख्यमंत्री
भोपाल। प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी एक नाम पर मोहर लगने में हो रही देरी के चलते इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा इस बार उपमुख्यमंत्री भी बना सकती है। वरिष्ठ नेताओं के विधायक बनने से निर्मित हुए हालात को देखते हुए भाजपा सभी को साधने के चलते यह कदम उठा सकती है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश को पांचवा उप मुख्यमंत्री मिल सकता है। इसके पहले प्रदेश के इतिहास में मात्र चार अवसर ही ऐसे आए हैं, जब किसी दल ने उप मुख्यमंत्री बनाया हो। प्रदेश में अब तक जितने भी उप मुख्यमंत्री बने वे मालवा अंचल का ही नेतृत्व करते रहे हैं।
प्रदेश में भाजपा को मिले भारी बहुमत और विधानसभा पहुंचे कई वरिष्ठ नेताओं को साधने के चलते भाजपा इस बार मुख्यमंत्री के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री पद पर भी किसी नेता को आसीन कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में पांचवी बार ऐसा होगा जब उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। भाजपा दूसरी बार प्रदेश में उप मुख्यमंत्री बनाने वाली पार्टी होगी। इसके पहले तीन बार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं को उप मुख्यमंत्री बनाया था। प्रदेश में सबसे पहले 1967 में संविद सरकार में ही उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। तब मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के साथ वीरेन्द्र कुमार सखलेचा को उप मुख्यमंत्री बनाया था। इसके बाद कांग्रेस ने तीन बार उप मुख्यमंत्री बनाए। कांग्रेस ने अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए 1980 में शिव भानु सिंह सोलंकी को उप मुख्यमंत्री बनाया था। इसके बाद दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में 1993 में सुभाष यादव और 1998 में जमुनादेवी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था।
वर्तमान में फिर इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि विधायक बने वरिष्ठ नेताओं को साधने के लिए भाजपा एक बार फिर वरिष्ठ विधायक के नाते भाजपा किसी को उप मुख्यमंत्री बना सकती है। यहां गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक जब भी उप मुख्यमंत्री बने वे सभी मालवा अंचल से ही बने हैं।
भोपाल। प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी एक नाम पर मोहर लगने में हो रही देरी के चलते इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा इस बार उपमुख्यमंत्री भी बना सकती है। वरिष्ठ नेताओं के विधायक बनने से निर्मित हुए हालात को देखते हुए भाजपा सभी को साधने के चलते यह कदम उठा सकती है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश को पांचवा उप मुख्यमंत्री मिल सकता है। इसके पहले प्रदेश के इतिहास में मात्र चार अवसर ही ऐसे आए हैं, जब किसी दल ने उप मुख्यमंत्री बनाया हो। प्रदेश में अब तक जितने भी उप मुख्यमंत्री बने वे मालवा अंचल का ही नेतृत्व करते रहे हैं।
प्रदेश में भाजपा को मिले भारी बहुमत और विधानसभा पहुंचे कई वरिष्ठ नेताओं को साधने के चलते भाजपा इस बार मुख्यमंत्री के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री पद पर भी किसी नेता को आसीन कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में पांचवी बार ऐसा होगा जब उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। भाजपा दूसरी बार प्रदेश में उप मुख्यमंत्री बनाने वाली पार्टी होगी। इसके पहले तीन बार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं को उप मुख्यमंत्री बनाया था। प्रदेश में सबसे पहले 1967 में संविद सरकार में ही उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। तब मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के साथ वीरेन्द्र कुमार सखलेचा को उप मुख्यमंत्री बनाया था। इसके बाद कांग्रेस ने तीन बार उप मुख्यमंत्री बनाए। कांग्रेस ने अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए 1980 में शिव भानु सिंह सोलंकी को उप मुख्यमंत्री बनाया था। इसके बाद दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में 1993 में सुभाष यादव और 1998 में जमुनादेवी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था।
वर्तमान में फिर इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि विधायक बने वरिष्ठ नेताओं को साधने के लिए भाजपा एक बार फिर वरिष्ठ विधायक के नाते भाजपा किसी को उप मुख्यमंत्री बना सकती है। यहां गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक जब भी उप मुख्यमंत्री बने वे सभी मालवा अंचल से ही बने हैं।