उमा ने फिर उठाया ओबीसी महिला आरक्षण का मुद्दा
प्रत्याशियों की सूची को लेकर कहा पराजय के भय से हमें मुक्त होना चाहिए
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाया है। वहीं प्रत्याशी चयन प्रक्रिया को लेकर कहा कि हमने शायद जीतने की योग्यता को ही आधार माना है। हमें जीतने की लालसा एवं परायज के भय से मुक्त होना चाहिए और दिखना भी चाहिए।
भाजपा ने प्रत्याशी चयन को लेकर चार सूचियां जारी कर दी है। सूचियां के जारी किए जाने के बाद आज पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी भाजपा के उम्मीदवारों की चौथी सूची आ चुकी है। उम्मीदवारों की इस चारों सूची के बारे में मध्य प्रदेश के हमारे कार्यकर्ता और हमारे मतदाता से बात करके मेरी जो धारणा बनी है सभी को और मुझको आश्चर्य एवं प्रसन्नता का मिला-जुला भाव है। उससे मैंने दिल्ली एवं मध्यप्रदेश के सभी वरिष्ठ भाजपा नेतृत्व को अवगत करा दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमने शायद जीतने की योग्यता को ही आधार माना है। हमारी पार्टी निष्ठा एवं नैतिक मूल्यों की पुजारी रही है। हमें जीतने की लालसा एवं पराजय के भय से मुक्त होना चाहिए और दिखना भी चाहिए। इकबाल के शेर की एक लाइन भी लिखे, जिसमें लिखा कि ‘‘गुफ्तार का ये गाजी तो बना, किरदार का गाजी बन न सका‘। उमा ने लिखा कि अभी तो आखरी सूची के बाद हम इसका भी आंकलन कर लेंगे कि कितने पिछड़े वर्गों की महिलाओं को टिकट मिले, इससे मेरी पिछड़े वर्गों की महिलाओं के आरक्षण की मांग सबको सही लगेगी।