शिवराज नाम के मामा है, काम के नहीं : सपरा
महिला अपराध को लेकर शिवराज सरकार को घेरा
भोपाल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरणसिंह सपरा ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान केवल नाम के मामा हैं, काम के मामा नहीं है। उनके कार्यकाल में महिला अपराध बढ़े हैं, मगर वे बहनों की रक्षा नहीं कर पाए। पिछले एक साल में प्रदेश के 26 जिलों में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में अपराध बढ़े हैं।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सपरा ने यह आरोप शिवराज सरकार पर लगाए। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह जी अपने आप को मामा कहते हैं, लेकिन यह मामा सिर्फ नाम के हैं काम के नहीं। मामा का बहन से और बेटियों से जो रिश्ता होता है वह उसकी रक्षा, सुरक्षा और उसका सम्मान सर्वोपरि होता है। लेकिन मामा ने अपनी बहनों को रक्षा बंधन पर केवल 250 रूपए देकर बहनों के साथ छल किया है। मामा बताएं कि 250 रुपये में कौन सा रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा सकता है?
सपरा ने बताया कि जिस तरह से हमने पिछले दिनों देखा कि उज्जैन में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म और फिर उसे मानसिक रोगी या भिखारन बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई, कटनी में आदिवासी युवती के साथ बलात्कार कर, उसका सिर कुचलकर पहाड़ी नाले में फेंक दिया जाता है, भोपाल में दबंगों द्वारा बहन के छेड़छाड़ का विरोध करने पर एक भाई अमित सिरोलिया पुलिस की आंखों के सामने उसकी हत्या कर दी जाती है। यह भयावह सच्चाई है शिवराज सिंह के जंगलराज की।
प्रदेश के 26 जिलों में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में अपराध बढ़े हैं। विशेष रूप से भोपाल में 9.4 प्रतिशत और इंदौर में 33 प्रतिशत बच्चियों के साथ दुष्कर्म के केस बढ़े हैं। न्याय के मामले को अगर देखा जाये तो सिर्फ 35 से 40 प्रतिशत मामलों में न्याय मिल पाया है। सपरा ने बताया कि पिछले 8 महीनों में कोर्ट में दुष्कर्म और पास्कों के मामलों में 66 अपराधियों को सजा सुनाई गई है और 92 आरोपियों को अलग कारणों से बरी कर दिया गया है। सिर्फ पास्को के मामले अगर देखे जाये तो उसमें मात्र 40 से 42 प्रतिशत केस चल रहे हैं।