ModiGovernment राजनीतिक प्रबंधन का अभाव कांग्रेस की सबसे बड़ी सियासी कमजोरी है?
अभिमनोज. तमाम कोशिशों केे बावजूद राजनीतिक प्रबंधन का अभाव कांग्रेस की सबसे बड़ी सियासी कमजोरी है, जिसके नतीजे में कामयाबी अक्सर कांग्रेस के करीब से गुजर जाती है!
राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएगी, ऐसा दिख नहीं रहा है, क्योंकि जिस तरह की जमीन पर सियासी तैयारी चाहिए, जिस तरह का राजनीतिक प्रबंधन चाहिए, ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है, कांग्रेस आज भी 20वीं सदी के मीडिया मैनेजमेंट और पॉलिटिकल प्रबंधन के भरोसे ही है, जबकि तस्वीर बहुत तेजी से बदल रही है?
ताजा…. जो सर्वे आ रहे हैं, हो सकता हो वे सियासी प्रबंधन के प्रभाव में हों, लेकिन इनका मनोवैज्ञानिक असर तो पड़ता ही है, इससे कैसे इंकार कर सकते हैं?
खबरें हैं कि…. एक सर्वे किया गया. है, जिसमें सवाल था कि- आगामी लोकसभा चुनाव अगर आज कराए गए तो देश में किसकी बन सरकार सकती है? किस गठबंधन को होगा फायदा, किसको नुकसान होने का अनुमान है?
खबरों की मानें तो…. यह सर्वे इंडिया टीवी सीएनएक्स की ओर से आगामी चुनाव में लोगों का रुझान देखने के लिए किया गया, जिसमें आए नतीजों के अनुसार, पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाले एनडीए गठबंधन को बहुमत मिलने की संभावना है, जबकि इंडिया गठबंधन उससे काफी पीछे नजर आ रहा है! यह बात अलग है कि- बीजेपी को 2019 की तुलना में कुछ सीटें कम मिलने का अनुमान हैै, कांग्रेस को कुछ हद तक फायदा होने की भी संभावना है, लेकिन इंडिया टीम के लिए बहुमत जुटाना आसान नहीं है?
सर्वे के नतीजों पर भरोसा करें तो…. एनडीए को कुल 543 लोकसभा सीटों में 318 सीट पर जीत मिलने का अनुमान है, 2019 चुनाव के मुकाबले एनडीए की सीटों में कमी होने की संभावना है, क्योकि…. एनडीए को पिछले चुनाव में 353 सीटें मिली थी, इस तरह एनडीए को 35 सीटों का नुकसान हो सकता है?
इंडिया टीम के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि विपक्ष परेशान होकर एकजुट तो हो गया है, लेकिन सियासी स्वार्थ इन्हें कितने समय तक एकजुट रहने देंगे?
यदि इंडिया टीम के दलों ने गठबंधन के राजनीतिक धर्म का पालन नहीं किया, तो पीएम मोदी की केंद्र से विदाई आसान नहीं होगी?
और…. सबसे बड़ी सियासी समस्या यह है कि गैरभाजपाई सारे दल भी एकसाथ नहीं हैं, लिहाजा विपक्षी वोटों का बिखराव कैसे रोका जाएगा?