ICICI Bank की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक को CBI ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली. सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को शुक्रवार को गिरफ्तार किया. यह गिरफ्तारी वीडियोकॉन समूह को प्रदान किए गए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में की गई. उस समय वे निजी क्षेत्र के बैंक का नेतृत्व कर रही थीं.
59 वर्षीय चंदा कोचर ने अक्टूबर 2018 में आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में इस्तीफा दे दिया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और तेल और गैस अन्वेषण कंपनी वीडियोकॉन ग्रुप का समर्थन किया था. उन पर वीडियोकॉन समूह को 2012 में 3,250 करोड़ रुपये के ऋण में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई द्वारा आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है, जो आईसीआईसीआई बैंक के लिए एक गैर-निष्पादित संपत्ति बन गया है.
एक व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया कि सुश्री कोचर के पति दीपक कोचर और उनके परिवार के सदस्यों को सौदे से फायदा हुआ. मामले में आरोपों के अनुसार, वीडियोकॉन समूह के पूर्व अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत ने कथित तौर पर कोचर द्वारा स्थापित एक कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में करोड़ों रुपये का निवेश किया था, महीनों बाद वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा ऋण दिया गया था.
बंबई उच्च न्यायालय ने पूर्व-आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर की सेवानिवृत्ति के बाद की याचिका को खारिज कर दिया. सीबीआई का आरोप है कि ऋण को एक समिति द्वारा मंजूरी दी गई थी, जिसमें सुश्री कोचर एक सदस्य थीं. एजेंसी का कहना है कि उसने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और वीडियोकॉन को 300 करोड़ रुपये मंजूर करने के लिए धूत से अपने पति के माध्यम से अवैध संतुष्टि/अनुचित लाभ प्राप्त किया.
यह 40,000 करोड़ रुपए के ऋण का हिस्सा था, जो वीडियोकॉन को भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 20 बैंकों के एक संघ से मिला था. कोचर ने तीन दशकों से अधिक समय तक भारत के तीसरे सबसे बड़े ऋणदाता के साथ काम किया. वे कई रैंकों के माध्यम से सबसे प्रभावशाली महिला बैंकरों में से एक बन गईं थीं. उन्होंने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया है.