मध्यप्रदेश में विवादों में आई पटवारी भर्ती परीक्षा
कमलनाथ ने कहा कब मिलेगी प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्ति
भोपाल। मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा एक बार फिर विवादों आ गई है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव ने सवाल उठाएं है।
पटवारी भर्ती परीक्षाओं को लेकर कमलनाथ ने कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के समाचार सामने आ रहे हैं। कई टॉपर एक ही सेंटर पर परीक्षा देकर सफल हुए बताए जा रहे हैं। एक बार फिर फ़र्ज़ीवाडे के तार भाजपा से जुड़े दिख रहे हैं। व्यापमं, नर्सिंग, आरक्षक भर्ती परीक्षाओं ने घोटाले का रूप लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापमं, नर्सिंग, आरक्षक भर्ती, कृषि विस्तार अधिकारी और ऐसी ही कितनी ही भर्ती परीक्षाओं ने अंत में घोटाले का रूप लिया है। नौकरी देने के नाम पर भर्ती घोटाला करना शिवराज जी की सरकार का चरित्र बन गया है। इनसे तो जाँच की माँग करना भी बेकार है क्योंकि हमेशा बड़ी मछलियों को बचा लिया जाता है। उन्होंने कहा कि मेरी माँग है कि कोई स्वतंत्र एजेंसी मामले की जाँच करे और उन लाखों बेरोज़गारों के साथ न्याय करे जो इन प्रतियोगी और भर्ती परीक्षाओं में शामिल होते हैं। मध्य प्रदेश अब भ्रष्टराज से मुक्ति चाहता है।
बता दें मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल की पटवारी भर्ती परीक्षा में ग्वालियर के एक ही कॉलेज के सात उम्मीदवारों के टॉप 10 में जगह बनाने के बाद परीक्षा में गड़बड़ी के सवाल उठने लगे है। ग्वालियर के जिस एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट सेंटर के कुल 114 उम्मीदवारों का सेलेक्शन हुआ है, वह भाजपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह का है। संजीव सिंह कुशवाह बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे और वह वर्तमान में भिंड से विधायक है। वहीं पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा है।
उच्च स्तरीय जांच की जाए
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता अरुण यादव ने मीडिया से चर्चा करते हुए पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने उन्होंने एक बार फिर व्यापमं में घोटाले की आशंका जताई है और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होने कहा कि मध्य प्रदेश में व्यापम-3 हुआ है और युवाओं के साथ एक और छलावा किया गया है। भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार लूटने-समेटने में लगी है। इसी के साथ उन्होने कहा कि अब सरकार को कर्मचारी चयन बोर्ड का नाम ‘कचरा’ कर देना चाहिए। उन्होने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।