मोदी सरनेम केस: राहुल की सजा बरकरार, गुजरात HC ने कहा- राहुल गांधी के खिलाफ 10 केस पेंडिंग
सूरत। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. अदालत ने राहुल गांधी की 2 साल की सजा के खिलाफ दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. यानी कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता बहाल नहीं होगी और यह सजा बरकरार रहेगी. गुजरात हाई कोर्ट की जस्टिस हेमंत पृच्छक की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने अपने फैसले में राहुल गांधी पर इस तरह के अन्य कई केस चलने का जिक्र किया और इसी के साथ निचली अदालत के फैसले को सही बताया. यह कहते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा है.
साल 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक विवादित बयान दिया था. राहुल के इस बयान के खिलाफ ही गुजरात हाईकोर्ट में पूर्णेश मोदी ने याचिका दायर की थी, जिस पर लंबी सुनवाई चली थी. राहुल गांधी पर आए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में समर्थकों की भारी भीड़ जुटी है. समर्थक यहां राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं, साथ ही संघर्ष में उनके साथ होने की बात कर रहे हैं.
राहुल गांधी को झटका देते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि उसे ट्रायल कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह बिल्कुल उचित है. गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का आपको दोषी ठहराने का आदेश उचित है और उक्त आदेश में हमें हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है. इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है. कोर्ट ने आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं. बता दें कि जस्टिस प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे.
राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि एक जमानती एवं गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा देने का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं. गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी.
फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं या फिर अपनी सांसदी को वापस बहाल करने की मांग नहीं कर सकते हैं. वह अब सुप्रीम कोर्ट में गुजरात हाईकोर्ट के खिलाफ याचिका दायर कर सकते हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलती है, तभी उनके लिए चुनाव लड़ने का रास्ता खुलेगा.