अभिमनोजः बड़े और जिम्मेदार पदों पर बैठे नेता भाषाई मर्यादा क्यों लांघ रहे हैं? केवल माफी मांगना इसका समाधान है?
हम इक्कीसवीं सदी में ही नहीं आए हैं, अनियंत्रित बयानों के मामले में भी आज के राजनेता एक्कीस हो गए हैं? अनियंत्रित बयानों के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी भी उन्नीस नहीं है, तो अभी ताजा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बिहार को लेकर अमर्यादित बयान दिया हैं!
खबरें हैं कि बिहार के अपमान के मुद्दे पर बिहार के सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें बीजेपी को छोड़कर बाकी दूसरे दलों- कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू, लेफ्ट और शिवसेना सहित कई दलों के सांसदों ने इसमें हिस्सा लिया और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से माफी की मांग की? खबरों की मानें तो पीयूष गोयल ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा था कि- ये लोग पूरे देश को बिहार बना देंगे!
इसके बाद आरजेडी सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में बिहार के बारे में अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से माफी की मांग की थी और कहा था कि- अगर पीयूष गोयल बिहार के लोगों से और सदन से माफी नहीं मांगते हैं, तो मैं मान लूंगा कि प्रधानमंत्री और उनकी पूरी पार्टी पीयूष गोयल के बयान के साथ है, बिहार को लेकर उनका अंदर का पूर्वाग्रह बाहर आ गया, इस तरह का पूर्वाग्रह कई लोगों के मन में होता है, शायद पीयूष गोयल का अंदर का पूर्वाग्रह बिहार को लेकर बाहर आ गया?
आजकल विरोधी दलों और विभिन्न राज्यों को लेकर जिस तरह की अमर्यादित राजनीति चल रही है और भाव-भाषा का उपयोग किया जा रहा है, यह देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं है?