2 लंबित मांगों को लेकर आंदोलन करने की दी चेतावनी
कर्मचारियों ने कहा 11 जुलाई से होगी शुरुआत
भोपाल। पदोन्नति और पेंशन और अन्य विसंगतियों का निराकरण नहीं करने के राज्य सरकार के निर्णय के विरोध में प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों ने 11 जुलाई से आंदोलन करने का फैसला किया है। आंदोलन में सभी मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त संगठन शामिल होंगे।
मध्यप्रदेश अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने सरकार पर अधिकारी, कर्मचारी एवं पेंशनरों की लंबित मांगों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार के द्वारा अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पेंशनरों को मंहगाई भत्ता नहीं दिये जाने के कारण रोष व्याप्त है। डी.ए.में अधिकारी कर्मचारी एवं पेंशनर क्रमशः 4 एवं 9 प्रतिशत पीछे हो गये हैं। देय तिथि से एरियर का भुगतान नहीं किया गया, 2016 से रुकी हुई पदोन्नति के लिए प्रदेश सरकार कोई रुचि नहीं ले रही है, जिसके कारण हजारों अधिकारी एवं कर्मचारी पदोन्नति की बाट देखते देखते सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू नहीं किया जा रहा है, आवास भत्ते की दरो को नहीं बढ़ाया जा रहा है। अनेको संवर्गों में वेतन विसंगति व्याप्त हैं। लिपिकों की वेतन विसंगतियां दूर नहीं की जा रही है। एन.पी.एस. को समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जा रही है। कर्मचारियों ने फैसला लिया है कि लंबित मांगों को लेकर आंदोलन किया जाए। इन मांगों के समर्थन में म.प्र.अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चे में सम्मिलित लगभग चार दर्जन से अधिक मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन पूरे प्रदेश में मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे। आंदोलन की शुरुआत 11 जुलाई से की जाएगी।