#ModiGovt बेदम निकला…. न खाऊंगा, न खाने दूंगा का दावा?
प्रदीप द्विवेदी (सर्वे समीक्षा). भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कर्नाटक बीजेपी सरकार सत्ता से बेदखल हुई है, लेकिन यह मुद्दा मोदी सरकार के लिए भी खतरे की घंटी बजा रहा है, क्योंकि…. NDTV-CSDS के सर्वे में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जो नतीजे आए हैं वह पीएम मोदी के- न खाऊंगा, न खाने दूंगा के दावे की पोल खोलनेवाले हैं? NDTV-CSDS सर्वे की माने तो भ्रष्टाचार रोकने के सवाल पर मोदी सरकार के कामकाज को 41 प्रतिशत लोगों ने ’अच्छा’ बताया, लेकिन इससे ज्यादा 45 प्रतिशत लोगों का मानना है कि… भ्रष्टाचार रोकने की मोदी सरकार की कोशिशें ’बुरी’ थीं!
जब-जब भी पीएम नरेंद्र मोदी कोई चुनाव हारते हैं, उनका पॉलिटिकल मेकअप करनेवाला कोई-न-कोई सर्वे जरूर आ जाता है?
ताजा…. कर्नाटक विधानसभा चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया और बीजेपी चुनाव हार कर सत्ता से बाहर हो गई, लेकिन…. NDTV-CSDS सर्वे की मानें तो टीम हार गई, कप्तान जीत गया!
NDTV-CSDS का ताजा सर्वे कहता है कि…. दक्षिण भारत का प्रवेशद्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में हाल ही में सरकार गंवा देने वाली बीजेपी के शीर्ष नेता पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है, कमाल है? सर्वे का दावा है कि…. भारत के 19 राज्यों के 71 लोकसभा क्षेत्रों में किए गए इस सर्वे के तहत कुल 7,000 से ज़्यादा लोगों से अलग-अलग मुद्दों पर राय मांगी गई, जिनमें समाज के हर वर्ग के लोग शामिल थे.
इसी महीने 10 से 19 मई के बीच किए गए सर्वे के नतीजे कहते है कि…. प्रधानमंत्री के तौर पर आज भी 43 प्रतिशत लोग नरेंद्र मोदी को ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि राहुल गांधी को पीएम के रूप में 27 प्रतिशत लोग देखना चाहते हैं, हालांकि वर्ष 2019 में भी पीएम नरेंद्र मोदी को पसंद करने वालों की तादाद 44 प्रतिशत थी और आज भी वह 43 प्रतिशत है, बोले तो…. केवल एक प्रतिशत कम हु्रई है, तो उधर, राहुल गांधी को पसंद करने वालों की तादाद बढ़ी है और 2019 के 24 प्रतिशत की तुलना में अब 27 प्रतिशत हो गई है.
सर्वे की मानें तो…. आज की तारीख में चुनाव हो जाने की स्थिति में, बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है, तो कांग्रेस को पिछले आम चुनाव में मिले 19 प्रतिशत वोटों के मुकाबले आज 29 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है. बहरहाल सर्वे के हिसाब से 2024 में फिर नरेंद्रभाई प्रधानमंत्री बन सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि…. सीटें कहां से मिलेंगी? दक्षिण भारत के सियासी दरवाजे बीजेपी के लिए बंद हो चुके हैं, तो तीन बड़े राज्यों- महाराष्ट्र, बिहार और कर्नाटक का सियासी समीकरण बदलने के बाद बहुमत के करीब भी नहीं पहुंच पाएगी बीजेपी!
उधर, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में लगभग सारी लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं, यहां कम होनेवाली सीटों की भरपाई कहां से होगी? मतलब साफ है कि…. आज के हालात में बीजेपी के लिए 150 सीटों का आंकड़ा पार करना भी आसान नहीं है, तो नरेंद्रभाई प्रधानमंत्री कैसें बनेंगे?