पीएम मोदी की सियासी घबराहट के अर्थ-भावार्थ! सच बोलने की कीमत चुका रहे हैं…. #राहुल गांधी #सत्यपाल मलिक?
प्रदीप द्विवेदी. कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी और सत्यपाल मलिक को लेकर पीएम मोदी सरकार की सियासी घबराहट के अर्थ-भावार्थ पर नजर डालें तो साफ है कि…. आनेवाले समय में बढ़ते सियासी संकट को लेकर मोदी टीम बेचैन है!
राहुल गांधी को परेशान करने के हर मोर्चे पर नाकामयाबी के बाद मोदी सरकार को यह समझ नहीं आ रहा कि अडानी मामले से कैसे निपटा जाए?
उधर, पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के खुलासों के बाद तो पीएम मोदी सरकार की विश्वसनीयता पर ही बड़ा सवालिया निशान लग गया है?
सबसे बड़ी परेशानी यह है कि अभी इन मामलों को जैसे-तैसे दबा भी दिया जाता है, तब भी भविष्य में इनकी जांच की आशंका तो बनी ही रहेगी, यही नहीं, और भी बहुत सारे मामले खुल सकते हैं, लिहाजा 2024 हाथ से निकल गया, तो प्रमुख प्रश्न यही है कि…. उसके बाद के हालात का पीएम मोदी सामना कैसे करेंगे?
खबर है कि…. सांसद सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने सरकारी बंगला खाली कर दिया है और उन्होंने 12, तुगलक लेन बंगले की चाबी अधिकारियों को सौंप दी है, जहां वे करीब 19 साल से रह रहे थे.
उन्होंने बंगला खाली खाली करने के बाद कहा कि- हिन्दुस्तान की जनता ने उन्हें यह घर दिया था, जहां वे 19 साल से रह रहे थे.
इस बंगले को खाली करने के बाद राहुल गांधी का कहना था कि- मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई हैं!
उधर, खबर यह भी है कि सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से जम्मू-कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं.
खबरों की मानें तो…. सात महीने में यह दूसरा मौका है, जब विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रह चुके मलिक से सीबीआई पूछताछ करेगी.
याद रहे, बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद अक्टूबर 2022 में मलिक से सीबीआई के अधिकारियों ने पूछताछ की थी.
पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने ’द वायर’ को दिए एक इंटरव्यू में कुछ दावे किए थे, जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें समन भेजा है. इस इंटरव्यू में मलिक ने मोदी सरकार के बारे में चौंकानेवाली टिप्पणी की थी!
देखना होगा कि…. अनेक गंभीर आरोपों से घिरी मोदी सरकार अपना बचाव कैसे और कब तक कर पाती है?