16वें CSD कार्यक्रम में बोले PM मोदी: आज भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में नंबर वन है
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को विज्ञान भवन में आयोजित 16वें ‘सिविल सेवा दिवस’ कार्यक्रम के में समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे. उन्होंने सिविल सेवा के 15 अधिकारियों को लोक प्रशासन में सर्वोच्च मानदंड स्थापित करने के लिए ‘प्रधानमंत्री उत्कृष्टता मेडल’ से सम्मानित किया. प्रधानमंत्री ने ‘पीएम गतिशक्ति’, ‘आयुष्मान भारत’, ‘हर घर जल’, ‘आकांक्षी जिला’ और ‘समग्र शिक्षा अभियान’ जैसे चुनिंदा सरकारी योजनाओं के अंतर्गत लोकसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 15 नौकरशाहों को इस वर्ष के लिए दिए गए ‘प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड्स आफ एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन 2022’ पर एक कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘इस साल का सिविल सर्विस डे बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह ऐसा समय है जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं, ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है. मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं. आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है…हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है, लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं. पहले सोच थी ‘सरकार सब कुछ करेगी’ और अब सोच है ‘सरकार सबके लिए करेगी’!’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16वें सिविल सर्विसेज डे के मौके पर अपने संबोधन में कहा, ‘आज भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में नंबर वन है, मोबाइल डेटा दुनिया में सबसे सस्ता है, देश में आर्थिक व्यवस्था बेहद मजबूत है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था तरक्की कर रही है. साल 2014 की तुलना में 10 गुना रफ्तार से नए रेल मार्ग बन रहे हैं और कई गुना ज्यादा सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है. इन सभी कार्यों में आपकी भूमिका है. बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने ‘पंच प्राणों’ का आह्वान किया था. विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो…इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वह हमारे देश को वह ऊंचाई देगी, जिसका वह हमेशा से हकदार रहा है.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘अब आजादी के अमृतकाल में युवा अधिकारियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होने वाली है , क्योंकि अगले 15-20 साल आपका कार्य बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है, आपको बेहद महत्वपूर्ण सेवा का मौका मिल रहा है. पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है. पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था. कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. देश में अधिकारी वहीं हैं, कर्मचारी वहीं है लेकिन उनकी भूमिका बदल गई है. इस कार्य में आपकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि आपकी मेहनत रंग लाई है.’