मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे सांसद, विधायक
उमा की नाराजगी फिर आई सामने
भोपाल। प्रदेश में शराब नीति की घोषणा न होने और ओरछा में शराब दुकान बंद न होने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का गुस्सा आज सांसद और विधायक पर फूंटा। उमा ने उन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि क्या इनको राम का नाम लेने और रामराजा सरकार की जय बोलने का अधिकार हैं?
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि ओरछा की शराब की दुकान न हट पाने का रहस्य खुल गया, हमारी सरकार ने जब बंद करने का नोटिस दिया तो तीन बातें गलत तरीके से प्रस्तुत की गई। यह तर्क दिया गया कि शराब दुकान रामराजा दरबार से एक किमी दूर हैं। यह नहीं लिखा गया कि यह रामराजा सरकार के मंदिर के प्रवेश द्वार के मुहाने पर हैं एवं रोड के मध्य से सिर्फ 17 फीट की दूरी है। रात को शराबी सड़क पर उपद्रव करते है। दुघटनाएं होती है। पर्यटकों को असुविधा एवं भाजपा को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। लोगों के विरोध के बावजूद डेढ़ किमी अंदर से दुकान को ठेकेदार को लाभ कमाने के लिए आबकारी विभाग ने खुलाया। भाजपा के एक पदाधिकारी के जेल जाने के बावजूद शराब की दुकान बंद नहीं हुई।
मुख्यमंत्री को पता ही नहीं चलता वास्तविकता का
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के पास सबसे बड़ी शक्ति होती है। हमारी सरकार ऐसी शराब की दुकानों के सामने कैसे शक्तिहीन हो गई। यह खोज का विषय हैं। मेरी जानकारी में शिवराज जी को इस संपूर्ण विषय की समग्रता से जानकारी नहीं है। मैं शिवराज जी को जानती हूं उनकी जानकारी में होता तो यह दुकान कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के आधार पर कभी भी बंद कर सकते थे। उमा भारती ने कहा कि शिवराज जी ओरछा वर्ष में कई बार आते हैं, खूब लाइटें जलती हैं, धूम धड़ाका होता है। निवाड़ी जिले के विधायक एवं सांसद हमारे भाई को घेरे रहते हैं, उन्हें वास्तविकता का पता ही नहीं लग पाता। इतनी जानकारी इकट्ठी करने के बाद मैं यहां के सांसद एवं विधायक को शत-प्रतिशत इसके लिए दोषी मानती हूं , वह दोनों हमारे मुख्यमंत्री जी को सत्य से अवगत ही नहीं करा पाए, अब मैं इन दोनों से बात करूंगी, क्या इन्हें राम का नाम लेने एवं रामराजा सरकार की जय बोलने का अधिकार है?