अधिकारियों को नसीहत, अहंकार शून्य रखकर करें कार्य
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किया आईएएस सर्विस मीट का शुभारंभ
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आईएएस मीट को संबोधित करते हुए कहा कि आप और हम मिलकर मध्यप्रदेश को प्रगति एवं विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। कोविड में टीम मध्यप्रदेश ने परिश्रम की पराकाष्ठा पार कर दी थी, इसके लिए टीम मप्र को बधाई। मुख्यमंत्री ने जन सेवा अभियान में डिंडोरी बड़वानी और सीहोर कलेक्टर की तारीफ की। मुख्यमंत्री ने कहा हमें विनम्र रहकर कार्य करना आना चाहिए। अहंकार शून्य रखकर कार्य करना चाहिए।
कोरोना काल के चलते तीन साल बाद हुई प्रशासन अकादमी में आई.ए.एस. सर्विस मीट 2023 के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। मीट 22 जनवरी तक होगी। मीट को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा, व्यक्ति को समाज, देश और प्रदेश के विकास तथा जन-कल्याण का अवसर प्रदान करती है। यहां हमें अपने विज़न से विकास और सेवा का अवसर मिलता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे पारदर्शी, तकनीकी समझ से परिपूर्ण, सृजनशील दृष्टिकोण से युक्त, कल्पनाशील और नवाचारी हों। यह भी आवश्यक है कि वे सक्रिय, विनम्र, व्यावसायिक रूप से दक्ष, प्रगतिशील, सक्षम और ऊर्जावान रहें। इन सब के साथ यह भी आवश्यक है कि अधिकारी संवेदनशील हों। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विलक्षण कार्य तथा समर्पित भाव से जन-सेवा के लिए प्रेरित करते हुए कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियाँ “मरणोपरान्त जीने की है यदि चाह तुझे, तो सुन, बतलाता हूँ मैं सीधी सी राह तुझे। लिख ऐसी कोई चीज की दुनिया डोल उठे, या कर कुछ ऐसा काम, जमाना बोल उठे“ पढ़ीं।
इंदौर, डिण्डौरी, सीहोर कलेक्टर की प्रशंसा की
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला कलेक्टर्स द्वारा किए जा रहे नवाचार और संवेदनशील कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा प्रयास निरंतर यह हो कि हम और बेहतर कैसे करें। मुख्यमंत्री ने इंदौर में जन-सुनवाई में आई दिव्यांग महिला को उपलब्ध कराई गई ट्रायसिकल, बड़वानी में कुष्ठ रोगियों के लिए की गई आवास व्यवस्था, मंडला में एडाप्ट एन आँगनवाड़ी में हुए कार्य, डिण्डौरी में जन-सेवा में सक्रियता, सीहोर में विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लास और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों की व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि कलेक्टर अपने जिलों में अपने स्तर पर नवाचार कर रहे हैं।
नियमित दौरों की बताई आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के जनता से जुड़े रहने तथा वास्तविक स्थितियों की जानकारी के लिए नियमित रूप से क्षेत्र में भ्रमण (दौरे) की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि श्री महाकाल महालोक के निर्माण से उज्जैन की अर्थ-व्यवस्था बदल गई है। श्योपुर में चीतों के आने के बाद जिले में पर्यटन के विकास तथा उससे रोजगार सृजन के लिए प्रभावी परियोजना बना कर उसका क्रियान्वयन करना आवश्यक है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में इस प्रकार की पहल करने से राज्य तथा प्रदेशवासियों की बेहतरी तेज गति से होगी।
परिवार को दें पर्याप्त समय
मुख्यमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अपने कार्य के प्रति सकारात्मक, आनंद और उत्साहपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि मन की प्रसन्नता, स्वस्थ शरीर और परिवार में सुखद वातावरण बनाए रखना आवश्यक है। जीवनसाथी के प्रति संवेदनशीलता, बच्चों की शिक्षा और उन्हें स्नेहपूर्ण व्यवहार देने से हमारा वातावरण और चित्त बेहतर होता है तथा हम अधिक सक्रियता तथा एकाग्रता से कार्य करने में सक्षम होते हैं। अतः यह आवश्यक है कि हम परिवार को पर्याप्त समय दें। इससे स्नेह और आत्मीयता के बंधन ढीले नहीं पड़ेंगे