निजी स्कूलों पर लगेगी लगाम, हर साल नहीं बदल सकेंगे पाठ्य पुस्तकें
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भोपाल। निजी स्कूलों द्वारा हर साल पाठ्यपुस्तकों को बदले जाने पर अब शिक्षा विभाग रोक लगाने की तैयारी कर रहा है। इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे जिला कलेक्टर को भेजा जाएगा। कलेक्टर की अनुमति के बाद इस प्रस्ताव पर अमल किया जाएगा।
राजधानी भोपाल सहित राज्य के बड़े ष्शहरों में संचालित निजी स्कूलों द्वारा हर साल पाठ्यपुस्तकों के बदले जाने की शिकायतें अभिभावकों द्वारा शिक्षा विभाग को की जा रही थी, इसके चलते विभाग ने अब इस पर रोक लगाने की तैयारी की है। इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि निजी स्कूलों को पोर्टल पर पाठ्यपुस्तकों की एक सूची अपलोड करनी होगी और एक हार्ड कॉपी डीईओ कार्यालय को भेजनी होगी, जो इसे नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करेगी। प्रस्ताव में कई दिशा-निर्देश हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि पाठ्यपुस्तकों को हर साल नहीं बदला जाना चाहिए, हालांकि थोड़े बहुत बदलाव की अनुमति दी जा सकती है। इसके अलावा, किताबें और यूनिफॉर्म सभी बुकस्टोर्स में बिक्री के लिए उपलब्ध होनी चाहिए, न कि किसी एक विक्रेता तक सीमित होनी चाहिए। इसके अलावा, किताबों या यूनिफॉर्म पर स्कूल का नाम या लोगों नहीं दिखना चाहिए।
गौरतलब है कि जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा हर साल निजी स्कूल संचालकों, पुस्तक प्रकाशकों और विक्रेताओं के एकाधिकार को खत्म करने के लिए आदेश जारी किए जाते हैं, लेकिन कुछ स्कूलों में तो इन आदेशों का पालन होता है, अधिकांश स्कूल आदेशों की अवहेलना करते नजर आए हैं। इसे देख अब विभाग द्वारा स्कूल संचालकों पर कसावट करने की तैयारी की जा रही है। निजी स्कूलों को लेकर तैयार किए गए इस प्रस्ताव को कलेक्टर की मंजूरी मिलने के बाद जारी किया जाएगा। जिससे आगामी शैक्षणिक सत्र में लागू किया जा सकेगा।
राजधानी भोपाल सहित राज्य के बड़े ष्शहरों में संचालित निजी स्कूलों द्वारा हर साल पाठ्यपुस्तकों के बदले जाने की शिकायतें अभिभावकों द्वारा शिक्षा विभाग को की जा रही थी, इसके चलते विभाग ने अब इस पर रोक लगाने की तैयारी की है। इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि निजी स्कूलों को पोर्टल पर पाठ्यपुस्तकों की एक सूची अपलोड करनी होगी और एक हार्ड कॉपी डीईओ कार्यालय को भेजनी होगी, जो इसे नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करेगी। प्रस्ताव में कई दिशा-निर्देश हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि पाठ्यपुस्तकों को हर साल नहीं बदला जाना चाहिए, हालांकि थोड़े बहुत बदलाव की अनुमति दी जा सकती है। इसके अलावा, किताबें और यूनिफॉर्म सभी बुकस्टोर्स में बिक्री के लिए उपलब्ध होनी चाहिए, न कि किसी एक विक्रेता तक सीमित होनी चाहिए। इसके अलावा, किताबों या यूनिफॉर्म पर स्कूल का नाम या लोगों नहीं दिखना चाहिए।
गौरतलब है कि जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा हर साल निजी स्कूल संचालकों, पुस्तक प्रकाशकों और विक्रेताओं के एकाधिकार को खत्म करने के लिए आदेश जारी किए जाते हैं, लेकिन कुछ स्कूलों में तो इन आदेशों का पालन होता है, अधिकांश स्कूल आदेशों की अवहेलना करते नजर आए हैं। इसे देख अब विभाग द्वारा स्कूल संचालकों पर कसावट करने की तैयारी की जा रही है। निजी स्कूलों को लेकर तैयार किए गए इस प्रस्ताव को कलेक्टर की मंजूरी मिलने के बाद जारी किया जाएगा। जिससे आगामी शैक्षणिक सत्र में लागू किया जा सकेगा।