संसद में अडानी मुद्दे पर हंगामे से सद्गुरु निराश, बोले- न हो ऐसी राजनीति
नई दिल्ली. अडानी मुद्दे पर संसद में हंगामा चल रहा है. इस बीच आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने कहा है कि देश के धन पैदा करने वालों और रोजगार देने वालों को राजनीतिक बयानबाजी का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए. भारतीय व्यापार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे फलें-फूलें, लेकिन संसद में जिस तरह के व्यवधान देखने को मिल रहे हैं वह निराशाजनक है.
एक्स पर सद्गुरु ने पोस्ट किया, संसद में व्यवधान देखना निराशाजनक है. खासकर तब जब हम विश्व के लिए लोकतंत्र का प्रतीक बनना चाहते हैं. भारत में धन पैदा करने वालों और रोजगार देने वालों को राजनीतिक बयानबाजी का विषय नहीं बनाना चाहिए. अगर कोई गड़बड़ी है तो उसे कानून के दायरे में निपटाया जा सकता है, लेकिन इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. भारतीय व्यवसायों को फलना-फूलना चाहिए. यही एकमात्र तरीका है जिससे भारत भव्य भारत बन सकेगा.
अडानी मुद्दे पर हंगामे के चलते प्रभावित रहा है संसद का शीतकालीन सत्र
बता दें कि अमेरिका में गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए हैं. कांग्रेस की मांग है कि संसद में इसपर चर्चा कराई जाए. संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था. इसके बाद से विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई है. इसके चलते सदन में बहुत कम काम हुआ. शीतकालीन सत्र के 20 दिसंबर के आसपास समाप्त होने की संभावना है.
रिश्वतखोरी के आरोपों पर अडानी समूह ने कहा है कि गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और वरिष्ठ कार्यकारी विनीत जैन रिश्वतखोरी के आरोपों से मुक्त हैं. गौतम अडानी ने कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब समूह ने इस चुनौती का सामना किया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हर हमला हमें मजबूत बनाता है.