दस फीसदी महंगी हो सकती है शराब दुकानों की नीलामी
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राजस्व बढ़ाने आबकारी विभाग तैयार कर रहा मसौदा
भोपाल। प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति के लिए आबकारी विभाग के अधिकारी राजस्व बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। अधिकारियों द्वारा जो मसौदा तैयार किया जा रहा है उसके तहत प्रदेश में इस बार शराब दुकानों की नीलामी दस फीसदी से ज्यादा में किए जाने की तैयारी की जा रही है। अगर सरकार ने इस पर मोहर लगा दी तो इस बार ष्शराब दुकानों की नीलामी पिछले सालों की अपेक्षा ज्यादा महंगी होगी।
नई शराब नीति को लेकर अधिकारियों ने आय बढ़ाने के जो सुझाव दिए हैं, उसमें बताया गया है कि अगले साल शराब दुकानों की नीलामी 10 फीसदी ज्यादा में की जाए। इसके लिए उत्तर प्रदेश सहित तीन राज्यों की शराब नीति का अध्ययन कर आबकारी विभाग ने मसौदा तैयार किया है। इसी माह होने वाली बैठक में शराब नीति का प्रस्ताव रखा जाएगा, हरी झंडी मिलने के बाद नई शराब नीति 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। आबकारी अधिकारियों का कहना है कि यदि अहाते चालू होंगे तो शराब दुकान के सामने सडक़ पर लगने वाली भीड़ कम होगी जिससे आने जाने वाले को परेशान नहीं होना पड़ेगा। पिछली सरकार ने अहाते बंद करा दिए थे।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश समेत तीन राज्यों की शराब नीति का अध्ययन कर आबकारी विभाग ने नई शराब नीति का मसौदा तैयार किया है। प्रस्ताव में अहाते बंद होने से शराब दुकानों के आसपास सडक़ों पर भीड़ बढऩे से होने वाली परेशानी और राजस्व के नुकसान का जिक्र किया गया है। अहाते फिर से शुरू करने या न करने का फैसला सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर करेगा। पिछले साल फरवरी में तत्कालीन शिवराज सरकार ने अहाते बंद करने का निर्णय लिया था। करीब 2600 अहाते बंद किए गए थे। नई नीति में नर्मदा नदी के किनारों 5 किमी की परिधि में शराब दुकानों पर लगी रोक को समीक्षा का सुझाव दिया गया है। धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों से शराब दुकानों को न्यूनतम दूरी 100 मीटर ही रखी जाएगी।
गौरतलब है कि नई आबकारी नीति के निर्धारण और आवश्यक नीतिगत निर्णयों के लिए एक मंत्रि-परिषद समिति का गठन किया। इस समिति में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मंत्री उदय प्रताप सिंह, निर्मला भूरिया के साथ ही इस बार मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को भी शामिल किया गया। यह समिति आबकारी नीति को फाइनल करेगी। इस नीति में राजस्व बढ़ाने और शराब दुकानों के संचालन को सुचारू बनाने के लिए कई बड़े बदलाव प्रस्तावित है।
भोपाल। प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति के लिए आबकारी विभाग के अधिकारी राजस्व बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। अधिकारियों द्वारा जो मसौदा तैयार किया जा रहा है उसके तहत प्रदेश में इस बार शराब दुकानों की नीलामी दस फीसदी से ज्यादा में किए जाने की तैयारी की जा रही है। अगर सरकार ने इस पर मोहर लगा दी तो इस बार ष्शराब दुकानों की नीलामी पिछले सालों की अपेक्षा ज्यादा महंगी होगी।
नई शराब नीति को लेकर अधिकारियों ने आय बढ़ाने के जो सुझाव दिए हैं, उसमें बताया गया है कि अगले साल शराब दुकानों की नीलामी 10 फीसदी ज्यादा में की जाए। इसके लिए उत्तर प्रदेश सहित तीन राज्यों की शराब नीति का अध्ययन कर आबकारी विभाग ने मसौदा तैयार किया है। इसी माह होने वाली बैठक में शराब नीति का प्रस्ताव रखा जाएगा, हरी झंडी मिलने के बाद नई शराब नीति 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। आबकारी अधिकारियों का कहना है कि यदि अहाते चालू होंगे तो शराब दुकान के सामने सडक़ पर लगने वाली भीड़ कम होगी जिससे आने जाने वाले को परेशान नहीं होना पड़ेगा। पिछली सरकार ने अहाते बंद करा दिए थे।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश समेत तीन राज्यों की शराब नीति का अध्ययन कर आबकारी विभाग ने नई शराब नीति का मसौदा तैयार किया है। प्रस्ताव में अहाते बंद होने से शराब दुकानों के आसपास सडक़ों पर भीड़ बढऩे से होने वाली परेशानी और राजस्व के नुकसान का जिक्र किया गया है। अहाते फिर से शुरू करने या न करने का फैसला सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर करेगा। पिछले साल फरवरी में तत्कालीन शिवराज सरकार ने अहाते बंद करने का निर्णय लिया था। करीब 2600 अहाते बंद किए गए थे। नई नीति में नर्मदा नदी के किनारों 5 किमी की परिधि में शराब दुकानों पर लगी रोक को समीक्षा का सुझाव दिया गया है। धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों से शराब दुकानों को न्यूनतम दूरी 100 मीटर ही रखी जाएगी।
गौरतलब है कि नई आबकारी नीति के निर्धारण और आवश्यक नीतिगत निर्णयों के लिए एक मंत्रि-परिषद समिति का गठन किया। इस समिति में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मंत्री उदय प्रताप सिंह, निर्मला भूरिया के साथ ही इस बार मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को भी शामिल किया गया। यह समिति आबकारी नीति को फाइनल करेगी। इस नीति में राजस्व बढ़ाने और शराब दुकानों के संचालन को सुचारू बनाने के लिए कई बड़े बदलाव प्रस्तावित है।