बीज प्रमाणीकरण संस्था में दस करोड़ का गबन
0
चपरासी सहित छह को किया गिरफतार
भोपाल। पुलिस ने बीज प्रमाणीकरण संस्था में सरकारी धन के 10 करोड़ रुपए के गबन के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में संस्था के चपरासी समेत अन्य कर्मचारियों और बैंकों के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। गबन की गई राशि से करोड़ों की जमीन खरीदी गई थी, जिसे राष्ट्रीय पशु संवर्धन योजना के तहत सब्सिडी और लोन लेकर सफेद करने की योजना थी।
जोन-03 के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शालिनी दीक्षित के नेतृत्व में जांच कर रही विशेष अनुसंधान दल ने खुलासा किया कि बीज प्रमाणीकरण संस्था के भृत्य (चपरासी) बृजेन्द्र दास नामदेव ने यह साजिश रची। उसने अन्य सहयोगियों और बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर संस्था की 10 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद (एफडीआर) को फर्जी दस्तावेजों और सील का इस्तेमाल कर तोड़ा। इस राशि को फर्जी खातों में ट्रांसफर करके नगद निकाला गया। गबन की गई राशि से करोड़ों की जमीन खरीदी गई, जिसे राष्ट्रीय पशु संवर्धन योजना के तहत 50 प्रतिशत सब्सिडी और लोन लेकर सफेद धन में बदलने की योजना थी। एसआईटी ने गबन की योजना में शामिल कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें संस्था का भृत्य (चपरासी), लेखा सहायक, बैंक अधिकारी और अन्य लोग शामिल हैं। जांच के दौरान एसआईटी ने गबन की गई राशि से खरीदी गई 6.4 करोड़ रुपए की जमीन की रजिस्ट्री और 51 लाख रुपए की बैंक राशि जब्त की। कुल 8.65 करोड़ रुपए की संपत्ति संरक्षित की गई है। गबन के लिए उपयोग किए गए फर्जी दस्तावेज और सील भी जब्त की गईं।
भोपाल। पुलिस ने बीज प्रमाणीकरण संस्था में सरकारी धन के 10 करोड़ रुपए के गबन के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में संस्था के चपरासी समेत अन्य कर्मचारियों और बैंकों के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। गबन की गई राशि से करोड़ों की जमीन खरीदी गई थी, जिसे राष्ट्रीय पशु संवर्धन योजना के तहत सब्सिडी और लोन लेकर सफेद करने की योजना थी।
जोन-03 के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शालिनी दीक्षित के नेतृत्व में जांच कर रही विशेष अनुसंधान दल ने खुलासा किया कि बीज प्रमाणीकरण संस्था के भृत्य (चपरासी) बृजेन्द्र दास नामदेव ने यह साजिश रची। उसने अन्य सहयोगियों और बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर संस्था की 10 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद (एफडीआर) को फर्जी दस्तावेजों और सील का इस्तेमाल कर तोड़ा। इस राशि को फर्जी खातों में ट्रांसफर करके नगद निकाला गया। गबन की गई राशि से करोड़ों की जमीन खरीदी गई, जिसे राष्ट्रीय पशु संवर्धन योजना के तहत 50 प्रतिशत सब्सिडी और लोन लेकर सफेद धन में बदलने की योजना थी। एसआईटी ने गबन की योजना में शामिल कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें संस्था का भृत्य (चपरासी), लेखा सहायक, बैंक अधिकारी और अन्य लोग शामिल हैं। जांच के दौरान एसआईटी ने गबन की गई राशि से खरीदी गई 6.4 करोड़ रुपए की जमीन की रजिस्ट्री और 51 लाख रुपए की बैंक राशि जब्त की। कुल 8.65 करोड़ रुपए की संपत्ति संरक्षित की गई है। गबन के लिए उपयोग किए गए फर्जी दस्तावेज और सील भी जब्त की गईं।