नेता प्रतिपक्ष की याचिका को हाईकोर्ट ने किया स्वीकार
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निर्मला सप्रे की सदस्यता समाप्त करने की मांग
भोपाल। विधायक निर्मला सप्रे की सदस्या समाप्त करने के लिए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा लगाई गई हाईकोर्ट में याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। सिंघार ने निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है। इस मामले में 9 दिसंबर को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री और भाजपा विधायकों की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ले ली थी। इसके बाद से कांग्रेस इस्तीफे की मांग कर रही है, लेकिन उनकी तरफ से अब तक इस्तीफा नहीं दिया गया है। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा सत्र के दौरान निर्मला सप्रे और रामनिवास रावत के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष से सदस्यता रद्द करने के लिए शिकायत की थी। रामनिवास रावत ने तो इस्तीफा दे दिया था, लेकिन निर्मला सप्रे ने इस्तीफा नहीं दिया था। विधानसभा अध्यक्ष को की गई शिकायत में 3 महीने बीत जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ था।
अब नियमों के अनुसार 3 महीने में फैसला नहीं होने के बाद कांग्रेस के पास हाईकोर्ट जाने का रास्ता साफ हो गया था, जिसके बाद कांग्रेस ने कोर्ट का रुख किया है, जिसको लेकर 9 दिसंबर को सुनवाई होगी। निर्मला सप्रे भाजपा कार्यालय में पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने भी कई बार पहुंच चुकी है, जब उनसे सदस्यता को लेकर सवाल पूछा जाता है तो वह वक्त आने पर फैसला लेने की बात कहती हैं।
भोपाल। विधायक निर्मला सप्रे की सदस्या समाप्त करने के लिए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा लगाई गई हाईकोर्ट में याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। सिंघार ने निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है। इस मामले में 9 दिसंबर को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री और भाजपा विधायकों की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ले ली थी। इसके बाद से कांग्रेस इस्तीफे की मांग कर रही है, लेकिन उनकी तरफ से अब तक इस्तीफा नहीं दिया गया है। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा सत्र के दौरान निर्मला सप्रे और रामनिवास रावत के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष से सदस्यता रद्द करने के लिए शिकायत की थी। रामनिवास रावत ने तो इस्तीफा दे दिया था, लेकिन निर्मला सप्रे ने इस्तीफा नहीं दिया था। विधानसभा अध्यक्ष को की गई शिकायत में 3 महीने बीत जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ था।
अब नियमों के अनुसार 3 महीने में फैसला नहीं होने के बाद कांग्रेस के पास हाईकोर्ट जाने का रास्ता साफ हो गया था, जिसके बाद कांग्रेस ने कोर्ट का रुख किया है, जिसको लेकर 9 दिसंबर को सुनवाई होगी। निर्मला सप्रे भाजपा कार्यालय में पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने भी कई बार पहुंच चुकी है, जब उनसे सदस्यता को लेकर सवाल पूछा जाता है तो वह वक्त आने पर फैसला लेने की बात कहती हैं।