धान मिलर्स ने मिलों की चाबी सौंपी एमडी को
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मुख्यमंत्री से मुलाकात पर अड़े रहे मिलर्स, नारेबाजी की, एमडी ने लौटाई चाबियां
भोपाल। मध्यप्रदेश में धान खरीदी शुरू होते ही धान मिलर्स हड़ताल पर चले गए। धान मिलर्स ने आज राजधानी में नागरिक आपूर्ति निगम एमडी पीएन यादव को ज्ञापन के साथ मिलों की चाबी सौंप दी। हालांकि एमडी ने चाबियां मिलर्स को वापस लौटा दी। इस दौरान मिल मालिकों ने नारेबाजी की और अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की।
प्रदेश में सरकार द्वारा 2 दिसंबर से धान खरीदी शुरू की है। इसी दिन से प्रदेश के मिलर्स ने हड़ताल भी ष्शुरू कर दी। आज प्रदेशभर के मिलर्स राजधानी पहुंचे थे। मिलर्स ने कहा कि एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा किए जाने के बदले अपग्रेडेशन राशि जो उन्हें दी जाती है, पिछले साल की वह राशि उन्हें अब तक नहीं मिली है। हम मंत्री से लेकर अधिकारियों तक यह परेशानी बता चुके हैं। अब हम अपनी-अपनी मिलों की चाबी लेकर भोपाल आए हैं। इसके बाद ही हमने हड़ताल जैसा कदम उठाया है। राजधानी में ये मिलर्स आज नागरिक आपूर्ति निगम के कार्यालय पहुंचे और निगम के एमडी पीएन यादव को अपनी मिलों की चाबियां सौंपी। इस दौरान मिल मालिकों ने नारेबाजी भी की। राइस मिलर्स मुलाकात करने पर अडे़ हुए हैं।
800 करोड़ रुपए शासन से मिलर्स को नहीं मिला
मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने बताया कि धान की मिलिंग में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जब तक राज्य सरकार आश्वासन नहीं देती है, तब तक कोई भी मिलर्स मध्यप्रदेश में खरीदी जाने वाली धान की मिलिंग नहीं करेगा। हमने पिछले दो साल में जो धान मिलिंग का काम किया है, उसका कुल मिलाकर करीब 1 हजार करोड़ रुपए शासन से मिलर्स को नहीं मिला है। अग्रवाल कहना है कि दो दिसंबर से प्रदेश में धान का उपार्जन शुरू हो गया है। राज्य सरकार चाहती है कि पंद्रह जून तक कस्टम मिलिंग का काम पूरा कर अधिक से अधिक धान समितियों से सीधे मिलर्स को मिलिंग के लिए दे दी जाएं, लेकिन मिलर्स की समस्याओं के निराकरण के बिना धान की कस्टम मिलिंग चालू हो पाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री से की मुलाकात
आशीष अग्रवाल ने बताया कि आज उन्होंने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत के अलावा अधिकारियों से भी मुलाकात की। उन्हें प्रदेश के सभी मिलरों की समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि हमारी मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के नेतृत्व मांगे पूरी न होते तक प्रदेश के मिलर द्वारा मिलिंग चालू ना करने की जानकारी दी गई।
भोपाल। मध्यप्रदेश में धान खरीदी शुरू होते ही धान मिलर्स हड़ताल पर चले गए। धान मिलर्स ने आज राजधानी में नागरिक आपूर्ति निगम एमडी पीएन यादव को ज्ञापन के साथ मिलों की चाबी सौंप दी। हालांकि एमडी ने चाबियां मिलर्स को वापस लौटा दी। इस दौरान मिल मालिकों ने नारेबाजी की और अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की।
प्रदेश में सरकार द्वारा 2 दिसंबर से धान खरीदी शुरू की है। इसी दिन से प्रदेश के मिलर्स ने हड़ताल भी ष्शुरू कर दी। आज प्रदेशभर के मिलर्स राजधानी पहुंचे थे। मिलर्स ने कहा कि एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा किए जाने के बदले अपग्रेडेशन राशि जो उन्हें दी जाती है, पिछले साल की वह राशि उन्हें अब तक नहीं मिली है। हम मंत्री से लेकर अधिकारियों तक यह परेशानी बता चुके हैं। अब हम अपनी-अपनी मिलों की चाबी लेकर भोपाल आए हैं। इसके बाद ही हमने हड़ताल जैसा कदम उठाया है। राजधानी में ये मिलर्स आज नागरिक आपूर्ति निगम के कार्यालय पहुंचे और निगम के एमडी पीएन यादव को अपनी मिलों की चाबियां सौंपी। इस दौरान मिल मालिकों ने नारेबाजी भी की। राइस मिलर्स मुलाकात करने पर अडे़ हुए हैं।
800 करोड़ रुपए शासन से मिलर्स को नहीं मिला
मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने बताया कि धान की मिलिंग में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जब तक राज्य सरकार आश्वासन नहीं देती है, तब तक कोई भी मिलर्स मध्यप्रदेश में खरीदी जाने वाली धान की मिलिंग नहीं करेगा। हमने पिछले दो साल में जो धान मिलिंग का काम किया है, उसका कुल मिलाकर करीब 1 हजार करोड़ रुपए शासन से मिलर्स को नहीं मिला है। अग्रवाल कहना है कि दो दिसंबर से प्रदेश में धान का उपार्जन शुरू हो गया है। राज्य सरकार चाहती है कि पंद्रह जून तक कस्टम मिलिंग का काम पूरा कर अधिक से अधिक धान समितियों से सीधे मिलर्स को मिलिंग के लिए दे दी जाएं, लेकिन मिलर्स की समस्याओं के निराकरण के बिना धान की कस्टम मिलिंग चालू हो पाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री से की मुलाकात
आशीष अग्रवाल ने बताया कि आज उन्होंने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत के अलावा अधिकारियों से भी मुलाकात की। उन्हें प्रदेश के सभी मिलरों की समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि हमारी मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के नेतृत्व मांगे पूरी न होते तक प्रदेश के मिलर द्वारा मिलिंग चालू ना करने की जानकारी दी गई।