पुनर्वास के लिए छटपटा रहे उपचुनाव हारे रावत
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भाजपा नेताओं से मुलाकात का दौर जारी, मुख्यमंत्री से भी की मुलाकात
भोपाल। विजयपुर में हुए उपचुनाव में हार मिलने के बाद से वन मंत्री रामनिवास रावत अब फिर पुनर्वास के लिए प्रयास कर रहे हैं। वे मंत्री का दर्जा पाते हुए निगम-मंडल में आसीन होना चाहते हैं। इसके लिए वे लगातार भाजपा संगठन के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री से भी उन्होंने मुलाकात की है।
रामनिवास रावत विजयपुर में उपचुनाव में मिली हार के बाद से लगातार राजधानी में डटे हुए है। वे किसी भी तरह से पद पाना चाहते हैं, ताकि उनका प्रभाव कम ना हो साथ ही कांग्रेस नेताओं और अपने विधानसभा क्षेत्र में भी वे यह संदेश दे सकें कि भाजपा में आकर उनकी स्थिति कमजोर नहीं हुई है। इसके लिए वे लगातार भाजपा संगठन के नेताओं से मुलाकात कर अपनी बात रख रहे हैं। उन्होंने विदेश यात्रा से लौटे मुख्यमंत्री डा मोहन यादव से भी मुलाकात की है। हालांकि अभी मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। मगर भविष्य में उन्हें कौन सा पद मिलेगा इसका आश्वासन भी उन्हें नहीं मिला है। इसके चलते आज उन्होंने पूर्व मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा से भी मुलाकात की है। रावत लगातार संगठन नेताओं से मुलाकात कर पद पाने के लिए दबाव बना रहे हैं।
रावत की राह में कांग्रेस से भाजपा में आए दूसरे नेता भी मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा संगठन में इस बात को लेकर चिंता है कि अगर रावत को पद दिया जाता है तो कांग्रेस से आए दूसरे नेताओं का क्या किया जाए। इन नेताओं में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, अमरवाड़ा से उपचुनाव जीते कमेलश ष्शाह के अलावा अन्य दलबदलू नेता शामिल हैं, जिन्हें भाजपा में शामिल होने के वक्त संगठन की ओर से पद दिए जाने का आश्वासन मिला है।
भाजपा नेताओं की नाराजगी भी बढ़ा रही चिंता
रावत को वन मंत्री बनाए जाने पर विरोध जताने वाले भाजपा नेताओं को संगठन किस तरह शांत करेगा, यह भी बड़ा सवाल संगठन पदाधिकारियों के सामने हैं। इन नेताओं में पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह और अजय विश्नोई जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। इसके चलते रावत से संगठन पदाधिकारी मिल तो रहे हैं, मगर किसी तरह का आश्वासन देने से भी वे बच रहे हैं।
भोपाल। विजयपुर में हुए उपचुनाव में हार मिलने के बाद से वन मंत्री रामनिवास रावत अब फिर पुनर्वास के लिए प्रयास कर रहे हैं। वे मंत्री का दर्जा पाते हुए निगम-मंडल में आसीन होना चाहते हैं। इसके लिए वे लगातार भाजपा संगठन के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री से भी उन्होंने मुलाकात की है।
रामनिवास रावत विजयपुर में उपचुनाव में मिली हार के बाद से लगातार राजधानी में डटे हुए है। वे किसी भी तरह से पद पाना चाहते हैं, ताकि उनका प्रभाव कम ना हो साथ ही कांग्रेस नेताओं और अपने विधानसभा क्षेत्र में भी वे यह संदेश दे सकें कि भाजपा में आकर उनकी स्थिति कमजोर नहीं हुई है। इसके लिए वे लगातार भाजपा संगठन के नेताओं से मुलाकात कर अपनी बात रख रहे हैं। उन्होंने विदेश यात्रा से लौटे मुख्यमंत्री डा मोहन यादव से भी मुलाकात की है। हालांकि अभी मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। मगर भविष्य में उन्हें कौन सा पद मिलेगा इसका आश्वासन भी उन्हें नहीं मिला है। इसके चलते आज उन्होंने पूर्व मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा से भी मुलाकात की है। रावत लगातार संगठन नेताओं से मुलाकात कर पद पाने के लिए दबाव बना रहे हैं।
रावत की राह में कांग्रेस से भाजपा में आए दूसरे नेता भी मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा संगठन में इस बात को लेकर चिंता है कि अगर रावत को पद दिया जाता है तो कांग्रेस से आए दूसरे नेताओं का क्या किया जाए। इन नेताओं में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, अमरवाड़ा से उपचुनाव जीते कमेलश ष्शाह के अलावा अन्य दलबदलू नेता शामिल हैं, जिन्हें भाजपा में शामिल होने के वक्त संगठन की ओर से पद दिए जाने का आश्वासन मिला है।
भाजपा नेताओं की नाराजगी भी बढ़ा रही चिंता
रावत को वन मंत्री बनाए जाने पर विरोध जताने वाले भाजपा नेताओं को संगठन किस तरह शांत करेगा, यह भी बड़ा सवाल संगठन पदाधिकारियों के सामने हैं। इन नेताओं में पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह और अजय विश्नोई जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। इसके चलते रावत से संगठन पदाधिकारी मिल तो रहे हैं, मगर किसी तरह का आश्वासन देने से भी वे बच रहे हैं।