इटली, फ्रांस, जापान में भी होंगे तानसेन समारोह के कार्यक्रम
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भोपाल। तानसेन समारोह शताब्दी वर्ष में ग्वालियर सहित देश-विदेश में समारोह आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत जापान, इजराइल,फ्रांस और इटली में भी तानसेन समारोह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
ग्वालियर में तानसेन संगीत समारोह का यह सौ वाँ वर्ष है। वर्ष 1924 से शुरू हुआ यह समारोह इस वर्ष 15 से 19 दिसम्बर तक चलेगा। समारोह को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप देते हुए जापान, इजराइल फ्रांस और इटली में कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के माध्यम से संयोजित किए जा रहे हैं। इस वर्ष राष्ट्रीय सम्मान अलंकरण में राष्ट्रीय तानसेन सम्मान पंडित स्वपन चौधरी, कोलकाता और राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान सानंद न्यास इंदौर को दिया जा रहा है। ग्वालियर में पूर्व रंग के अंतर्गत 14 दिसम्बर को दुर्लभ वाद्यों सुरबहार, विचित्र वीणा, मोहन वीणा, नाल तरंग, आदि की प्रस्तुति ग्वालियर किले, बाड़ी के टॉउन हाल, जय विलास पैलेस और अन्य स्थानों पर होंगी। देश के अनेक ख्याति प्राप्त कलाकार इन में हिस्सा लेंगे। इस वर्ष मध्यप्रदेश के विभिन्न नगरों में भी समारोह के अंतर्गत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और संगोष्ठियां हो रही हैं।
ग्वालियर में मुख्य समारोह में राष्ट्रीय तानसेन सम्मान अलंकरण भी प्रदान किए जाएंगे। अन्य गतिविधियों में दैनिक सांगीतिक सभाएँ, डाक टिकट विमोचन, प्रदर्शनी और लाइव चित्रांकन सत्र हो रहे हैं। राजधानी भोपाल सहित रीवा, गुना, शिवपुरी और ओरछा में विविध आयोजन हो रहे हैं। भोपाल के भारत भवन में 4 से 8 दिसंबर तक संगीत सम्राट तानसेन एवं मूर्धन्य संगीतकारों पर केंद्रित 5 फिल्में तानसेन, मीरा, संत ज्ञानेश्वर, चिंतामणि सूरदास, और ध्रुपद बैजू बावरा, स्वामी हरिदास के प्रदर्शन होंगे। रीवा में 5 दिसंबर, गुना में 6 दिसंबर, शिवपुरी और ओरछा में 7 दिसंबर को उच्च शिक्षण संस्थाओं के सहयोग से संगीत श्रृंखला हो रही है।
ग्वालियर में तानसेन संगीत समारोह का यह सौ वाँ वर्ष है। वर्ष 1924 से शुरू हुआ यह समारोह इस वर्ष 15 से 19 दिसम्बर तक चलेगा। समारोह को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप देते हुए जापान, इजराइल फ्रांस और इटली में कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के माध्यम से संयोजित किए जा रहे हैं। इस वर्ष राष्ट्रीय सम्मान अलंकरण में राष्ट्रीय तानसेन सम्मान पंडित स्वपन चौधरी, कोलकाता और राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान सानंद न्यास इंदौर को दिया जा रहा है। ग्वालियर में पूर्व रंग के अंतर्गत 14 दिसम्बर को दुर्लभ वाद्यों सुरबहार, विचित्र वीणा, मोहन वीणा, नाल तरंग, आदि की प्रस्तुति ग्वालियर किले, बाड़ी के टॉउन हाल, जय विलास पैलेस और अन्य स्थानों पर होंगी। देश के अनेक ख्याति प्राप्त कलाकार इन में हिस्सा लेंगे। इस वर्ष मध्यप्रदेश के विभिन्न नगरों में भी समारोह के अंतर्गत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और संगोष्ठियां हो रही हैं।
ग्वालियर में मुख्य समारोह में राष्ट्रीय तानसेन सम्मान अलंकरण भी प्रदान किए जाएंगे। अन्य गतिविधियों में दैनिक सांगीतिक सभाएँ, डाक टिकट विमोचन, प्रदर्शनी और लाइव चित्रांकन सत्र हो रहे हैं। राजधानी भोपाल सहित रीवा, गुना, शिवपुरी और ओरछा में विविध आयोजन हो रहे हैं। भोपाल के भारत भवन में 4 से 8 दिसंबर तक संगीत सम्राट तानसेन एवं मूर्धन्य संगीतकारों पर केंद्रित 5 फिल्में तानसेन, मीरा, संत ज्ञानेश्वर, चिंतामणि सूरदास, और ध्रुपद बैजू बावरा, स्वामी हरिदास के प्रदर्शन होंगे। रीवा में 5 दिसंबर, गुना में 6 दिसंबर, शिवपुरी और ओरछा में 7 दिसंबर को उच्च शिक्षण संस्थाओं के सहयोग से संगीत श्रृंखला हो रही है।