किसानों की समस्याओं को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन
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खाद, बिजली सहित बार सूत्री मांगों को पूरा करने की मांग
भोपाल। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर आज राष्ट्रपति के नाम संबोधित संयुक्त ज्ञापन जिलाधीश को सौंपा। ज्ञापन के जरिए किसानों की दुर्दशा की तरफ राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित करते हुए मांग की है कि उनको समय से डीएपी खाद और बिजली उपलब्ध करवाई जाए।
किसान यूनियन टिकैत के मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा ने बताया कि आज प्रदेशभर में जिला मुख्यालयों पर किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौपें गए। प्रदेश में किसानों को बिजली की आपूर्ति केवल कागजों पर हो रही है सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी न मिल पाने से फसलें बर्बाद हो रहीं है । संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की तरह कृषि श्रमिकों के लिए भी न्यूनतम वेतन तय किया जाना चाहिए, साथ ही 300 यूनिट मुफ्त बिजली की भी व्यवस्था की जाना आवश्यक है। इसी तरह किसान खाद को लेकर परेशान हो रहा है। सरकार किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है।
संयुक्त मोर्चा द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में सभी फसलों के लिए सी-2$50 प्रतिशत पर एमएसपी घोषित करो, श्रम संहिताओं(लेबर कोड)को रद्द करो, सभी मजदूरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 26 हजार रुपये प्रति माह का न्यूनतम वेतन, निर्माण मजदूर के लिए बने कल्याण बोर्ड में लगाई जा रही मनमानी शर्तों और भ्रष्टतंत्र पर सख्त कार्रवाई की जाए एवं सभी निर्माण एवं मनरेगा मजदूरों का बोर्ड के तहत पंजीकरण सुनिश्चित हो, किसानों और खेत मजदूरों के लिए सर्वसमावेशी ऋण मुक्ति, किसानों और मजदूरों के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण सुविधाएं सुनिश्चित करो, सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है।
भोपाल। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर आज राष्ट्रपति के नाम संबोधित संयुक्त ज्ञापन जिलाधीश को सौंपा। ज्ञापन के जरिए किसानों की दुर्दशा की तरफ राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित करते हुए मांग की है कि उनको समय से डीएपी खाद और बिजली उपलब्ध करवाई जाए।
किसान यूनियन टिकैत के मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा ने बताया कि आज प्रदेशभर में जिला मुख्यालयों पर किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौपें गए। प्रदेश में किसानों को बिजली की आपूर्ति केवल कागजों पर हो रही है सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी न मिल पाने से फसलें बर्बाद हो रहीं है । संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की तरह कृषि श्रमिकों के लिए भी न्यूनतम वेतन तय किया जाना चाहिए, साथ ही 300 यूनिट मुफ्त बिजली की भी व्यवस्था की जाना आवश्यक है। इसी तरह किसान खाद को लेकर परेशान हो रहा है। सरकार किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है।
संयुक्त मोर्चा द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में सभी फसलों के लिए सी-2$50 प्रतिशत पर एमएसपी घोषित करो, श्रम संहिताओं(लेबर कोड)को रद्द करो, सभी मजदूरों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 26 हजार रुपये प्रति माह का न्यूनतम वेतन, निर्माण मजदूर के लिए बने कल्याण बोर्ड में लगाई जा रही मनमानी शर्तों और भ्रष्टतंत्र पर सख्त कार्रवाई की जाए एवं सभी निर्माण एवं मनरेगा मजदूरों का बोर्ड के तहत पंजीकरण सुनिश्चित हो, किसानों और खेत मजदूरों के लिए सर्वसमावेशी ऋण मुक्ति, किसानों और मजदूरों के लिए कम ब्याज दरों पर ऋण सुविधाएं सुनिश्चित करो, सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है।