विधानसभा मानसून सत्र से होगी पेपरलेस, लागू होगी ई विधान परियोजना
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भोपाल। विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश की विधानसभा को मानसून सत्र, 2025 तक पेपरलेस किया जाए। इसके लिए विधानसभा में नेशनल ई-विधान परियोजना (नेवा) लागू की जाये। उन्होंने इस परियोजना के लागू होने से पहले विधानसभा सदस्यों को भी इसकी पर्याप्त जानकारी देने को भी निर्देश दिये हैं। विधानसभा अध्यक्ष तोमर आज विधानसभा में नेवा हाउस कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह परियोजना जल्द से जल्द लागू करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अब तक 23 प्रदेशों के 25 सदनों ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित ई-विधान परियोजना लागू करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं। देश के 13 प्रदेशों के 14 सदनों में यह परियोजना लागू की जा चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अब प्रत्येक दो माह में परियोजना की प्रगति से समिति को अवगत कराया जाये। बैठक में बताया गया कि इस परियोजना के लिये केन्द्र सरकार के “संसदीय कार्य मंत्रालय“ को नोडल विभाग बनाया गया है।
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने ई-विधान परियोजना में एन.आई.सी. का जिला स्तर तक सहयोग लिये जाने की बात कही। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस परियोजना को लागू करने के लिए विधायकों की जो समिति बनायी गयी है वह समिति जल्द उन राज्यों का दौरा करे, जहां इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। उन्होंने ई-विधान परियोजना के लिए साइबर सिक्यूरिटी पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही। बैठक में विधानसभा के प्रमुख सचिव, अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि कुल परियोजना लागत का 60 प्रतिशत अंश केन्द्र सरकार द्वारा और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन किया जायेगा। केन्द्र सरकार ने अभी तक 19 करोड़ 36 लाख रूपये लागत के परियोजना कार्यों का अनुमोदन कर दिया है। बैठक में टेबलेट, नेटवर्क और ई-लर्निंग एवं ई-फेसिलिटी सेंटर पर भी विचार किया गया।
एनआईसी को बनाया नोडल ट्रेनिंग एजेंसी
बैठक में तय हुआ कि विधायकों की सुविधा के लिए जिले के एन.आई.सी. सेंटर को नोडल ट्रेनिंग एजेंसी के तौर पर कहा जाएगा, जिससे विधायक सुविधाजनक तरीके से इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे। परियोजना का प्रस्तुतिकरण अपर सचिव वीरेन्द्र कुमार ने दिया। बैठक में बताया गया कि केन्द्र सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत देश की समस्त विधानसभाओं को पेपरलेस करने एवं उन्हें एक प्लेटफार्म पर लाने के उद्देश्य से ई-विधान (नेवा) लाँच किया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह परियोजना जल्द से जल्द लागू करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अब तक 23 प्रदेशों के 25 सदनों ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित ई-विधान परियोजना लागू करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं। देश के 13 प्रदेशों के 14 सदनों में यह परियोजना लागू की जा चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अब प्रत्येक दो माह में परियोजना की प्रगति से समिति को अवगत कराया जाये। बैठक में बताया गया कि इस परियोजना के लिये केन्द्र सरकार के “संसदीय कार्य मंत्रालय“ को नोडल विभाग बनाया गया है।
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने ई-विधान परियोजना में एन.आई.सी. का जिला स्तर तक सहयोग लिये जाने की बात कही। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस परियोजना को लागू करने के लिए विधायकों की जो समिति बनायी गयी है वह समिति जल्द उन राज्यों का दौरा करे, जहां इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। उन्होंने ई-विधान परियोजना के लिए साइबर सिक्यूरिटी पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही। बैठक में विधानसभा के प्रमुख सचिव, अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि कुल परियोजना लागत का 60 प्रतिशत अंश केन्द्र सरकार द्वारा और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन किया जायेगा। केन्द्र सरकार ने अभी तक 19 करोड़ 36 लाख रूपये लागत के परियोजना कार्यों का अनुमोदन कर दिया है। बैठक में टेबलेट, नेटवर्क और ई-लर्निंग एवं ई-फेसिलिटी सेंटर पर भी विचार किया गया।
एनआईसी को बनाया नोडल ट्रेनिंग एजेंसी
बैठक में तय हुआ कि विधायकों की सुविधा के लिए जिले के एन.आई.सी. सेंटर को नोडल ट्रेनिंग एजेंसी के तौर पर कहा जाएगा, जिससे विधायक सुविधाजनक तरीके से इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे। परियोजना का प्रस्तुतिकरण अपर सचिव वीरेन्द्र कुमार ने दिया। बैठक में बताया गया कि केन्द्र सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत देश की समस्त विधानसभाओं को पेपरलेस करने एवं उन्हें एक प्लेटफार्म पर लाने के उद्देश्य से ई-विधान (नेवा) लाँच किया गया है।