इलेक्ट्रिकल और फायर ऑडिट अनिवार्य रूप से कराया जाए
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भोपाल। झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे के बाद मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने निजी और सरकारी अस्पतालों को फायर और इलेक्ट्रिकल सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश जारी किए है।
जरी किए निर्देश में कहा गया कि स्टाफ को आपातकालीन स्थितियों में वार्ड खाली कराने का प्रशिक्षण दिलाया जाए। विद्युत उपकरणों के उपयोग के दौरान खुले तारों या बिना प्लग के उपकरणों का उपयोग न हो। बिजली पर स्वीकृत लोड से अधिक भार ना हो, आवश्यकता पड़ने पर बिजली कंपनी से अतिरिक्त भार स्वीकृत करवाया जाए। संस्थाओं का इलेक्ट्रिकल और फायर ऑडिट अनिवार्य रूप से करवायें। फायर सिस्टम और फायर एक्सटिंग्विशर की स्थिति चालू होनी चाहिए। समय समय पर रिफिल कराया होना भी अनिवार्य, समय समय पर फायर ड्रिल कराई जाए और इसके लेखा जोखा भी रखें। इमरजेंसी एग्जिट भी आसानी से हमेशा खुला रहे। जारी निर्देश के पालन की जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी। किसी भी चूक के लिए वे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे,इनकी जांच के लिए औचक निरीक्षण किए जाएंगे। इस दौरान यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो ऐसे संस्थानों को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। संचालकों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी। करीब 3 साल पहले भोपाल के हमीदिया कैम्पस में बने कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल में आग लगने की घटना हुई थी। उस वक्त अग्निकांड में 7 बच्चे जिंदा जल गए थे।
जरी किए निर्देश में कहा गया कि स्टाफ को आपातकालीन स्थितियों में वार्ड खाली कराने का प्रशिक्षण दिलाया जाए। विद्युत उपकरणों के उपयोग के दौरान खुले तारों या बिना प्लग के उपकरणों का उपयोग न हो। बिजली पर स्वीकृत लोड से अधिक भार ना हो, आवश्यकता पड़ने पर बिजली कंपनी से अतिरिक्त भार स्वीकृत करवाया जाए। संस्थाओं का इलेक्ट्रिकल और फायर ऑडिट अनिवार्य रूप से करवायें। फायर सिस्टम और फायर एक्सटिंग्विशर की स्थिति चालू होनी चाहिए। समय समय पर रिफिल कराया होना भी अनिवार्य, समय समय पर फायर ड्रिल कराई जाए और इसके लेखा जोखा भी रखें। इमरजेंसी एग्जिट भी आसानी से हमेशा खुला रहे। जारी निर्देश के पालन की जिम्मेदारी संस्था प्रमुख की होगी। किसी भी चूक के लिए वे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे,इनकी जांच के लिए औचक निरीक्षण किए जाएंगे। इस दौरान यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो ऐसे संस्थानों को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। संचालकों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी। करीब 3 साल पहले भोपाल के हमीदिया कैम्पस में बने कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल में आग लगने की घटना हुई थी। उस वक्त अग्निकांड में 7 बच्चे जिंदा जल गए थे।