परीक्षा केन्द्र में मोबाइल रखा तो दस साल की होगी सजा
भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा 25 फरवरी, 2025 से शुरू होगी। इस बार प्रश्न पत्र लीक जैसी घटनाओं को रोकने और गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की तैयारी है।
केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक सहित किसी भी स्टाफ के पास मोबाइल पाया गया तो संबंधित थाना क्षेत्र में उनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज करवाया जाएगा। ऐसे सख्त प्रावधान के लिए परीक्षा अधिनियम में संशोधन विधेयक विधानसभा के 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। संशोधित विधेयक में प्रतिबंध के बावजूद केंद्र में मोबाइल ले जाने पर 10 वर्ष तक कैद की सजा का प्रविधान प्रस्तावित किया गया है। इस संशोधन का आधार भारत सरकार के सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम-2024 को बनाया गया है। दो साल पहले प्रश्न पत्र लीक मामले में मोबाइल के उपयोग की बात सामने आई थी। पुलिस थाना से प्रश्न पत्र परीक्षा कक्ष तक पहुंचने के दौरान मोबाइल से फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। इसे देखते हुए यह प्रविधान लाया जा रहा है कि केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक सहित अन्य स्टाफ परीक्षा के समय मोबाइल नहीं रख सकेंगे।
लोहे की पेटी में जमा कराना होगा मोबाइल
माशिमं के सचिव केडी त्रिपाठी के अनुसार यदि ऐसा पाया जाता है तो उन्हें 10 वर्ष तक की कैद की सजा हो सकेगी और जुर्माना भी लगेगा। ऐसे अधिकारी- कर्मचारियों को माशिमं के परीक्षा कार्य से प्रतिबंधित भी कर दिया जाएगा। परीक्षा केंद्रों के बाहर लोहे की पेटी रखी जाएगी। इसमें मोबाइल जमा करना होगा। परीक्षा केंद्रों से माशिमं को सूचना देने या परीक्षा की निगरानी करने के लिए मोबाइल के बदले वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इसमें लैंडलाइन फोन के उपयोग के साथ-साथ पोर्टल भी तैयार किया गया है, ताकि परीक्षा केंद्रों से सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके। इसमें ई-मेल के माध्यम से मंडल का पूरा नियंत्रण और संचालन होगा। साथ ही आफलाइन प्रक्रिया को बंद कर आनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी।