इतिहास के एक बड़े अन्याय को दूर करने का है ईमानदार प्रयास
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प्रधानमंत्री ने प्रदेश के दो जनजातीय संग्रहालय राष्ट्र को किये समर्पित
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पूरे देश में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनायी जा रही है। जनजातीय गौरव दिवस इतिहास के एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का एक ईमानदार प्रयास है। आजादी के बाद जनजातीय वर्ग के योगदान को इतिहास में वह स्थान नहीं दिया गया, जिसके लिये वे हकदार थे। जनजातीय समाज वो है, जिसने राजकुमार राम को भगवान बनाया।
प्रधानमंत्री मोदी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर बिहार जिले के जमुई में आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस पर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा के श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय एवं जबलपुर के राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वंतत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का वर्चुअली लोकापर्ण किया। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और आजादी के रक्षा के लिये सैकड़ो वर्षों की लड़ाई का नेतृत्व दिया। आजादी के बाद के दशकों में जनजातीय वर्ग के अनमोल योगदान को मिटाने की कोशिश की गई। इसके पीछे स्वार्थ भरी राजनीति थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज के समग्र कल्याण के लिये अनेक योजनाएँ संचालित कर उनके आर्थिक और सामाजिक विकास का कार्य किया जा रहा है।
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण देश में जनजातीय कल्याण के अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। पीएम जन मन योजना और सिकल सैल उन्मूलन मिशन, जनजाति कल्याण का महाभियान है। इस महाभियान में राज्य सरकार द्वारा जनजाति कल्याण के बेहतरीन कार्य किए जा रहे हैं। अनेक विभागों के माध्यम से अति पिछड़ी जनजातियों को विकास की मुख्यधारा में लाने के कारगर प्रयास लगातार जारी है। राज्यपाल ने कहा कि सिकल सैल उन्मूलन मिशन का संकल्प मध्यप्रदेश की धरती से लिया जाना प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है। केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा सिकल सैल उन्मूलन की दिशा में जाँच और जागरूकता के कार्य सघन स्तर पर किए जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक 82 लाख लोगों की सिकलसेल स्क्रीनिंग पूर्ण हो गई है। राज्यपाल ने शहडोल ज़िले के सिकल सैल जाँच कार्यों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को सिकल सैल कार्ड वितरण का कार्य जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जल, जंगल, जमीन जनजातीय समाज का मूल अधिकार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जल, जंगल और जमीन का अधिकार जनजातीय समाज का मूल अधिकार है। इसे अंग्रेज उनसे छीनना चाहते थे। भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के अत्याचार, अनाचार के खिलाफ जनजातीय समाज को खड़ा किया और अंग्रेजों के खिलाफ दो स्तरों पर लड़ाई लड़ी। एक ओर उन्होंने जनजातीय समाज के मूल अधिकार की रक्षा की और दूसरी ओर ईसाई मिशनरियों द्वारा हमारे धर्म के साथ छेड़छाड़ कर हमारे जनजातीय भाइयों को ईसाई बनाने के कुत्सित प्रयासों को ध्वस्त किया। आज हम भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें हृदय से स्मरण और नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज आज भी हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखे है। भगवान श्रीराम के रावण के विरुद्ध संघर्ष में जनजातीय समाज ने सहयोग किया। भगवान श्रीकृष्ण मोर पंख धारण करते थे, जनजातीय समाज भी मोर पंख धारण करता है। भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण एवं बिरसा मुंडा को याद करने से हमें अपनी संस्कृति की जड़ों से जुड़ने का मौका मिलता है। आज जनजातीय समाज के लोगों ने मुझे जो वीरन माला पहनाई है, यह कोई सामान्य माला नहीं है, इसका विशेष महत्व है।
मुख्यमंत्री पहुंचे गुरूद्वारे, टेका मत्था
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरू नानक जयंती के अवसर पर अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेका और सिख संगत को गुरू नानक जयंती की बधाईयां दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में भाईचारे और सबकी चिन्ता करने वाले, सबको एक साथ लेकर चलने वाले और लोगों में समानता का भाव जगाने वाले गुरू नानक जी का जब हम स्मरण करते हैं तो मन प्रफुल्लित हो उठता है। सच्चे अर्थों में उनके संदेशों पर अमल करने वाले एवं उन्हें आत्मसात करने वाले लोग दुनिया के 200 से अधिक देशों में निवासरत हैं और उनकी अच्छाईयों और उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण मानवता के लिए समरसता एवं विश्व बंधुत्व का मार्ग प्रशस्त करने वाली उनकी शिक्षा और संदेश युगों-युगों तक हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पूरे देश में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनायी जा रही है। जनजातीय गौरव दिवस इतिहास के एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का एक ईमानदार प्रयास है। आजादी के बाद जनजातीय वर्ग के योगदान को इतिहास में वह स्थान नहीं दिया गया, जिसके लिये वे हकदार थे। जनजातीय समाज वो है, जिसने राजकुमार राम को भगवान बनाया।
प्रधानमंत्री मोदी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर बिहार जिले के जमुई में आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस पर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा के श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय एवं जबलपुर के राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वंतत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का वर्चुअली लोकापर्ण किया। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और आजादी के रक्षा के लिये सैकड़ो वर्षों की लड़ाई का नेतृत्व दिया। आजादी के बाद के दशकों में जनजातीय वर्ग के अनमोल योगदान को मिटाने की कोशिश की गई। इसके पीछे स्वार्थ भरी राजनीति थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज के समग्र कल्याण के लिये अनेक योजनाएँ संचालित कर उनके आर्थिक और सामाजिक विकास का कार्य किया जा रहा है।
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण देश में जनजातीय कल्याण के अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। पीएम जन मन योजना और सिकल सैल उन्मूलन मिशन, जनजाति कल्याण का महाभियान है। इस महाभियान में राज्य सरकार द्वारा जनजाति कल्याण के बेहतरीन कार्य किए जा रहे हैं। अनेक विभागों के माध्यम से अति पिछड़ी जनजातियों को विकास की मुख्यधारा में लाने के कारगर प्रयास लगातार जारी है। राज्यपाल ने कहा कि सिकल सैल उन्मूलन मिशन का संकल्प मध्यप्रदेश की धरती से लिया जाना प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है। केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा सिकल सैल उन्मूलन की दिशा में जाँच और जागरूकता के कार्य सघन स्तर पर किए जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक 82 लाख लोगों की सिकलसेल स्क्रीनिंग पूर्ण हो गई है। राज्यपाल ने शहडोल ज़िले के सिकल सैल जाँच कार्यों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को सिकल सैल कार्ड वितरण का कार्य जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जल, जंगल, जमीन जनजातीय समाज का मूल अधिकार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जल, जंगल और जमीन का अधिकार जनजातीय समाज का मूल अधिकार है। इसे अंग्रेज उनसे छीनना चाहते थे। भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के अत्याचार, अनाचार के खिलाफ जनजातीय समाज को खड़ा किया और अंग्रेजों के खिलाफ दो स्तरों पर लड़ाई लड़ी। एक ओर उन्होंने जनजातीय समाज के मूल अधिकार की रक्षा की और दूसरी ओर ईसाई मिशनरियों द्वारा हमारे धर्म के साथ छेड़छाड़ कर हमारे जनजातीय भाइयों को ईसाई बनाने के कुत्सित प्रयासों को ध्वस्त किया। आज हम भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें हृदय से स्मरण और नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज आज भी हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखे है। भगवान श्रीराम के रावण के विरुद्ध संघर्ष में जनजातीय समाज ने सहयोग किया। भगवान श्रीकृष्ण मोर पंख धारण करते थे, जनजातीय समाज भी मोर पंख धारण करता है। भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण एवं बिरसा मुंडा को याद करने से हमें अपनी संस्कृति की जड़ों से जुड़ने का मौका मिलता है। आज जनजातीय समाज के लोगों ने मुझे जो वीरन माला पहनाई है, यह कोई सामान्य माला नहीं है, इसका विशेष महत्व है।
मुख्यमंत्री पहुंचे गुरूद्वारे, टेका मत्था
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरू नानक जयंती के अवसर पर अरेरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेका और सिख संगत को गुरू नानक जयंती की बधाईयां दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में भाईचारे और सबकी चिन्ता करने वाले, सबको एक साथ लेकर चलने वाले और लोगों में समानता का भाव जगाने वाले गुरू नानक जी का जब हम स्मरण करते हैं तो मन प्रफुल्लित हो उठता है। सच्चे अर्थों में उनके संदेशों पर अमल करने वाले एवं उन्हें आत्मसात करने वाले लोग दुनिया के 200 से अधिक देशों में निवासरत हैं और उनकी अच्छाईयों और उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण मानवता के लिए समरसता एवं विश्व बंधुत्व का मार्ग प्रशस्त करने वाली उनकी शिक्षा और संदेश युगों-युगों तक हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।