नमी युक्त सोयाबीन नहीं खरीदी जाएगी, बनाए नए नियम
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भोपाल। प्रदेश में इस बार सोयाबीन खरीदी के लिए कड़ी गाइडलाइन बनाई गई है। अब पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य 4 हजार 892 प्रति क्विंटल पर सोयाबीन खरीदने के लिए सख्त नियम लागू होंगे। यदि कोई किसान नमी युक्त या निर्धारित मानकों से विपरीत सोयाबीन लेकर आता है, तो उसे खरीद केंद्र पर तुरंत अस्वीकार कर दिया जाएगा। वहीं यदि किसान चाहता है कि सोयाबीन की गुणवत्ता खरीदी केंद्र पर ही सुधारी जाए, तो इसके लिए होने वाला खर्च किसान को स्वयं वहन करना होगा।
खरीदी केंद्र के प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसानों से खरीदे गए और गोदाम भेजे गए किसी भी बोरे में यदि धूल, कचरा, पत्थर, या मिट्टी पाई जाती है, तो जिम्मेदार व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। मार्कफेड ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर कलेक्टरों को भेज दी है। आपको बता दें कि सोयाबीन की खरीदी की शुरुआत 25 अक्टूबर से होनी थी, लेकिन व्यापक स्तर पर खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू की जाएगी। खरीदी के बाद गुणवत्ता बनाए रखने और नुकसान से बचने के लिए मार्कफेड, सहकारी, कृषि, और राजस्व विभाग के अधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। गोदामों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर इसे जांच के लिए पेश किया जा सके। गोदाम संचालकों को मांगने पर फुटेज उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
खरीदी केंद्र के प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसानों से खरीदे गए और गोदाम भेजे गए किसी भी बोरे में यदि धूल, कचरा, पत्थर, या मिट्टी पाई जाती है, तो जिम्मेदार व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। मार्कफेड ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर कलेक्टरों को भेज दी है। आपको बता दें कि सोयाबीन की खरीदी की शुरुआत 25 अक्टूबर से होनी थी, लेकिन व्यापक स्तर पर खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू की जाएगी। खरीदी के बाद गुणवत्ता बनाए रखने और नुकसान से बचने के लिए मार्कफेड, सहकारी, कृषि, और राजस्व विभाग के अधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। गोदामों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर इसे जांच के लिए पेश किया जा सके। गोदाम संचालकों को मांगने पर फुटेज उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।