पंद्रह के बाद हट सकती है तबादलों पर लगी रोक
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भोपाल। प्रदेश में कर्मचारियां को तबादला नीति का इंतजार है। इसे लेकर लगातार दबाव भी बनाया जा रहा है, मगर अब तक तबादला नीति सरकार ने घोषित नहीं की है। माना जा रहा है कि अगली कैबिनेट बैठक में सरकार नई तबादला नीति पर मोहर लगा सकती है।
प्रदेश में भाजपा के चल रहे सदस्यता अभियान के चलते प्रदेश के कर्मचारियों की तबादला नीति भी अटक गई थी। सरकार को उम्मीद थी अगर तबादला नीति घोशित कर दी और तबादलों से रोक हटा दी गई तो सदस्यता अभियान पर असर पड़ सकता है। इसके चलते मामला अटक गया था। मगर अब सदस्यता अभियान 15 अक्टूबर को समाप्त होने जा रहा है। इसके साथ ही कर्मचारियों के अलावा अब भाजपा नेताओं द्वारा भी नई तबादला नीति के घोशित करने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। मंत्री तबादलों पर लगी रोक हटाने की बात कर रहे हैं। भाजपा विधायकों के साथ-साथ पार्टी संगठन के नेता भी चाहते हैं कि कम से कम कुछ दिनों के लिए तबादलों पर लगी रोक हटा दी जाए। बताया जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने तबादला नीति तैयार कर ली है, जिसे मुख्यमंत्री की हरी झंडी के बाद कैबिनेट के समक्ष रखा जा सकता है।
कर्मचारियों में भी दिख रही नाराजगी
प्रदेश के कुछ कर्मचारी संगठनों ने सरकार द्वारा तबादला नीति समय पर घोषित ना किए जाने को लेकर विरोध भी जताना ष्शुरू कर दिया है। इन संगठनों का तर्क है कि अगर सरकार अब बीच ष्शैक्षणिक सत्र के दौरान तबादला नीति घोशित करती है और तबादलों पर लगी रोक को हटाती है तो इससे कर्मचारियों के बच्चों पर खासा प्रभाव पड़ेगा। नए शैक्षणिक सत्र के चार में बीत चुके हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ेगा। इन संगठनों का तर्क है कि सरकार को अब तबादले से रोक नहीं हटानी चाहिए।
प्रदेश में भाजपा के चल रहे सदस्यता अभियान के चलते प्रदेश के कर्मचारियों की तबादला नीति भी अटक गई थी। सरकार को उम्मीद थी अगर तबादला नीति घोशित कर दी और तबादलों से रोक हटा दी गई तो सदस्यता अभियान पर असर पड़ सकता है। इसके चलते मामला अटक गया था। मगर अब सदस्यता अभियान 15 अक्टूबर को समाप्त होने जा रहा है। इसके साथ ही कर्मचारियों के अलावा अब भाजपा नेताओं द्वारा भी नई तबादला नीति के घोशित करने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। मंत्री तबादलों पर लगी रोक हटाने की बात कर रहे हैं। भाजपा विधायकों के साथ-साथ पार्टी संगठन के नेता भी चाहते हैं कि कम से कम कुछ दिनों के लिए तबादलों पर लगी रोक हटा दी जाए। बताया जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने तबादला नीति तैयार कर ली है, जिसे मुख्यमंत्री की हरी झंडी के बाद कैबिनेट के समक्ष रखा जा सकता है।
कर्मचारियों में भी दिख रही नाराजगी
प्रदेश के कुछ कर्मचारी संगठनों ने सरकार द्वारा तबादला नीति समय पर घोषित ना किए जाने को लेकर विरोध भी जताना ष्शुरू कर दिया है। इन संगठनों का तर्क है कि अगर सरकार अब बीच ष्शैक्षणिक सत्र के दौरान तबादला नीति घोशित करती है और तबादलों पर लगी रोक को हटाती है तो इससे कर्मचारियों के बच्चों पर खासा प्रभाव पड़ेगा। नए शैक्षणिक सत्र के चार में बीत चुके हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ेगा। इन संगठनों का तर्क है कि सरकार को अब तबादले से रोक नहीं हटानी चाहिए।