उपार्जन केन्द्र से धान मिलर्स को दी जाएगी धान
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भोपाल। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि समिति स्तरीय उपार्जन केन्द्र से ही अधिक से अधिक धान राइस मिलर्स को दी जाएगी। इससे समय पर मिलिंग का कार्य होने के साथ ही परिवहन और भण्डारण व्यय में भी बचत होगी। राजपूत ने इस कार्य की सतत समीक्षा करने के निर्देश आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को दिये हैं।
मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद मंत्री ने यह जानकारी दी। बैठक में कॉर्पोरेशन के आयुक्त सिबि चक्रवर्ती ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 23 सौ रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 46 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों को शीघ्र भुगतान एवं परिवहन व्यय को सीमित करने के लिये गोदाम स्तरीय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। केन्द्र सरकार द्वारा धान मिलिंग की समय-सीमा जून-2025 निर्धारित की गई है। निर्धारित सीमा में मिलिंग करने के लिये चावल महासंघ के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गेहूँ के आवंटन में वृद्धि करने के कारण उपार्जित धान से निर्मित लगभग 60 प्रतिशत चावल भारतीय खाद्य निगम को परिदान करना होगा।
मध्यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद मंत्री ने यह जानकारी दी। बैठक में कॉर्पोरेशन के आयुक्त सिबि चक्रवर्ती ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य 23 सौ रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 46 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों को शीघ्र भुगतान एवं परिवहन व्यय को सीमित करने के लिये गोदाम स्तरीय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। केन्द्र सरकार द्वारा धान मिलिंग की समय-सीमा जून-2025 निर्धारित की गई है। निर्धारित सीमा में मिलिंग करने के लिये चावल महासंघ के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गेहूँ के आवंटन में वृद्धि करने के कारण उपार्जित धान से निर्मित लगभग 60 प्रतिशत चावल भारतीय खाद्य निगम को परिदान करना होगा।