फेल होने वाले विद्यार्थियों को नहीं निकाला जाएगा छात्रावासों से
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भोपाल। जनजातीय कार्य विभाग ने फैसला लिया है कि छात्रावासों एवं आश्रम ष्शालाओं में पढ़ने वाले फेल होने वालों विद्यार्थियों को छात्रावासों से निकाला नहीं जाएगा। ऐसे विद्यार्थियों को पुनः प्रवेश दिया जाएगा।
जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि विभाग के छात्रावासों एवं आश्रम शालाओं में अध्ययनरत अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को अब उन्हें पुनः प्रवेश देकर एक मौका और दिया जायेगा। ऐसे विद्यार्थी जो दूसरे जिले से यहां आकर पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी पढ़ाई की व्यवस्था उनके गृह जिले में ही की जाएगी, जिससे वे परिवार के साथ रहकर पढ़ सकें। संभाग स्तर पर महिला मण्डल संयोजक नियुक्त की जा रही हैं, जो छात्रावासों, आश्रम शालाओं का निरीक्षण करेंगी एवं वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी लेंगी। ये महिला मण्डल संयोजक विद्यार्थियों की मनोदशा समझेंगी एवं उन्हें हो रही असुविधाओं की सूचनाएं वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचायेंगी। इससे विद्यार्थियों की कठिनाइयों का बेहतर निदान हो सकेगा।
सप्ताह में एक दिन परिजनों से कर सकेंगे बात
जनजातीय कार्य मंत्री ने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग के ऐसे सभी छात्रावास जहां 200 से अधिक विद्यार्थी हों, वहां भी रोटी मेकर मशीन दी जायेगी। विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिये सभी छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जायेंगे। सप्ताह में एक दिन विद्यार्थियों को परिजन से फोन पर बात कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि जनजातीय विद्यार्थियों को आवास सहायता योजना में मकान किराये पर लेकर पढ़ने के लिये किराया राशि दी जाती है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन में रहकर पढ़ने वालों को आवास किराये के रूप में दो हजार रूपये, जिला मुख्यालयों के लिए बारह सौ पचार रूपये तथा विकासखण्ड मुख्यालयों के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह दिए जाते हैं।
जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि विभाग के छात्रावासों एवं आश्रम शालाओं में अध्ययनरत अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को अब उन्हें पुनः प्रवेश देकर एक मौका और दिया जायेगा। ऐसे विद्यार्थी जो दूसरे जिले से यहां आकर पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी पढ़ाई की व्यवस्था उनके गृह जिले में ही की जाएगी, जिससे वे परिवार के साथ रहकर पढ़ सकें। संभाग स्तर पर महिला मण्डल संयोजक नियुक्त की जा रही हैं, जो छात्रावासों, आश्रम शालाओं का निरीक्षण करेंगी एवं वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी लेंगी। ये महिला मण्डल संयोजक विद्यार्थियों की मनोदशा समझेंगी एवं उन्हें हो रही असुविधाओं की सूचनाएं वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचायेंगी। इससे विद्यार्थियों की कठिनाइयों का बेहतर निदान हो सकेगा।
सप्ताह में एक दिन परिजनों से कर सकेंगे बात
जनजातीय कार्य मंत्री ने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग के ऐसे सभी छात्रावास जहां 200 से अधिक विद्यार्थी हों, वहां भी रोटी मेकर मशीन दी जायेगी। विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिये सभी छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जायेंगे। सप्ताह में एक दिन विद्यार्थियों को परिजन से फोन पर बात कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि जनजातीय विद्यार्थियों को आवास सहायता योजना में मकान किराये पर लेकर पढ़ने के लिये किराया राशि दी जाती है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन में रहकर पढ़ने वालों को आवास किराये के रूप में दो हजार रूपये, जिला मुख्यालयों के लिए बारह सौ पचार रूपये तथा विकासखण्ड मुख्यालयों के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह दिए जाते हैं।