अतिथि शिक्षक नहीं हो सकेंगे नियमित
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सीधी भर्ती से भरे जाएंगे 25 फीसदी पद
भोपाल। नियमितिकरण की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों को हाईकोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है। फैसले के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने तय किया है कि विभाग ने तय किया है कि अब अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण नहीं होगा। सिर्फ सीधी भर्ती में 25 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा। हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की याचिका का आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता ने निराकरण कर दिया है।
अतिथि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमित करने की मांग की थी। अतिथि शिक्षकों का कहना था कि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं तथा डीएड-बीएड भी हैं। तीन वर्ष से लेकर 15 वर्षों तक पढ़ाने का अनुभव है। अन्य राज्यों में अतिथि शिक्षकों को नियमित किया गया है। इस आधार पर मध्यप्रदेश में भी नियमित किया जाए। हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के निर्देशों के पालन में लोक शिक्षण ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 एवं संशोधित नियम 1 दिसंबर 2022 के अनुसार सीधी भर्ती से रिक्त पदों की पूर्ति हेतु नियम-8 के उप नियम (5) में शिक्षक पात्रता परीक्षा के उपरांत शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रावधान है। नियम 11 उपनियम 7 ख (चार) में अतिथि शिक्षकों के लिए शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जाएंगी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब साफ हो गया कि अतिथि शिक्षक नियमित नहीं किए जा सकेंगे, बल्कि विभाग अब 25 फीसदी रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित रखेगा।
भोपाल। नियमितिकरण की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों को हाईकोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है। फैसले के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने तय किया है कि विभाग ने तय किया है कि अब अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण नहीं होगा। सिर्फ सीधी भर्ती में 25 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा। हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की याचिका का आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता ने निराकरण कर दिया है।
अतिथि शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमित करने की मांग की थी। अतिथि शिक्षकों का कहना था कि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं तथा डीएड-बीएड भी हैं। तीन वर्ष से लेकर 15 वर्षों तक पढ़ाने का अनुभव है। अन्य राज्यों में अतिथि शिक्षकों को नियमित किया गया है। इस आधार पर मध्यप्रदेश में भी नियमित किया जाए। हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के निर्देशों के पालन में लोक शिक्षण ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 एवं संशोधित नियम 1 दिसंबर 2022 के अनुसार सीधी भर्ती से रिक्त पदों की पूर्ति हेतु नियम-8 के उप नियम (5) में शिक्षक पात्रता परीक्षा के उपरांत शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रावधान है। नियम 11 उपनियम 7 ख (चार) में अतिथि शिक्षकों के लिए शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत सीधी भर्ती के शिक्षकों के पदों के उपलब्ध रिक्तियों की 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जाएंगी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब साफ हो गया कि अतिथि शिक्षक नियमित नहीं किए जा सकेंगे, बल्कि विभाग अब 25 फीसदी रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित रखेगा।