डेंगू मलेरिया की रोकथाम के लिए चलाया जाएगा जागरूकता अभियान
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भोपाल। मच्छर जनित बीमारियों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए, स्वास्थ्य विभाग ने गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के साथ साझेदारी में जन जागरूकता पहल शुरू की है। यह पहल एम्बेड (मच्छर जनित स्थानिक रोगों का उन्मूलन) कार्यक्रम के अंतर्गत की जा रही है।
अभियान का मुख्य उद्देश्य मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और रोकथाम के प्रभावी उपायों को जनता तक पहुंचाना है। उल्लेखनीय है कि गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप वर्ष 2015 से मध्यप्रदेश सरकार के साथ मलेरिया उन्मूलन में सहयोग कर रहा है। जागरूकता अभियान की शुरुआत भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे चार प्रमुख शहरों में की गई है। अभियान के तहत, मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम, लक्षण पहचान, और समय पर चिकित्सकीय हस्तक्षेप के महत्व पर जोर दिया गया है।
एम्बेड कार्यक्रम 2015 में शुरू हुआ था। यह कार्यक्रम 39 जिलों के 27 लाख घरों में संचालित हो रहा है, जिसमें 2 करोड़ 84 लाख लोग शामिल हैं। एम्बेड कार्यक्रम के तहत पिछले 5 वर्षों में मध्यप्रदेश में मलेरिया के मामलों में 89 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही, डेंगू के मामलों में वित्त वर्ष 2023-24 में 65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्रों में, यह अभियान विशेष रूप से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे जिलों की घनी आबादी वाले क्षेत्रों पर केंद्रित है, जो मच्छर जनित बीमारियों के प्रकोप के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं।
अभियान का मुख्य उद्देश्य मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और रोकथाम के प्रभावी उपायों को जनता तक पहुंचाना है। उल्लेखनीय है कि गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप वर्ष 2015 से मध्यप्रदेश सरकार के साथ मलेरिया उन्मूलन में सहयोग कर रहा है। जागरूकता अभियान की शुरुआत भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे चार प्रमुख शहरों में की गई है। अभियान के तहत, मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम, लक्षण पहचान, और समय पर चिकित्सकीय हस्तक्षेप के महत्व पर जोर दिया गया है।
एम्बेड कार्यक्रम 2015 में शुरू हुआ था। यह कार्यक्रम 39 जिलों के 27 लाख घरों में संचालित हो रहा है, जिसमें 2 करोड़ 84 लाख लोग शामिल हैं। एम्बेड कार्यक्रम के तहत पिछले 5 वर्षों में मध्यप्रदेश में मलेरिया के मामलों में 89 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही, डेंगू के मामलों में वित्त वर्ष 2023-24 में 65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्रों में, यह अभियान विशेष रूप से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे जिलों की घनी आबादी वाले क्षेत्रों पर केंद्रित है, जो मच्छर जनित बीमारियों के प्रकोप के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं।