आमंत्रण पत्र में मंत्री से पहले सांसद का नाम, दिया नोटिस
विपक्ष ने कहा कि चल रही गलाकाट प्रतिस्पर्धा
भोपाल। शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में राज्य मंत्री का नाम सांसद के नाम के बाद अंकित किया गया, इसे लेकर मामला गर्मा गया है। मामला गर्माया तो जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्य और स्कूल संचालक को नोटिस जारी कर दिया। इसे लेकर विपक्ष में तंज कसा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा मंत्रियों और सांसदों के बीच गलाकाट स्पर्धा चल रही है।
दरअसल मामला रायसेन जिले का है। शिक्षक दिवस के अवसर पर देवरी के अशासकीय अभिनव गरिमा विद्या निकेतन विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल और सांसद दर्शन सिंह चौधरी को आमंत्रित किया था। कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में मंत्री के नाम से पहले सांसद का नाम अंकित किया गया था। इसे लेकर मंत्री ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने खुलकर तो कुछ कहा नहीं, मगर अधिकारियों को नसीहत दे डाली। मामले ने जब तूल पकड़ा तो जिला शिक्षा अधिकारी रायसेन ने प्राचार्य और स्कूल संचालक को नोटिस देते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का हवाला दे डाला। नोटिस में कहा गया है कि नियम के अनुसार मंत्री का नाम सांसद से पहले आना चाहिए। यह कार्य शासन के नियमों के खिलाफ है। नोटिस के जरिए स्कूल संचालक से जवाब मांगा गया है। जवाब ना देने पर कार्यवाही की बात कही है।
अपने को परिवार कहने वाली पार्टी में कलह क्यों ?
मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा मंत्रियों और सांसदों के बीच चल रही गलाकाट प्रतिस्पर्धा है या जलन की भावना। एक राज्यमंत्री को अपनी ही पार्टी के सांसद से इतनी खुन्नस है कि उन्होंने बकायदा नोटिस दिलवाया। सिर्फ नोटिस ही नहीं दिया, स्कूल संचालक को भी धमकाया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने आपको परिवार कहती है, फिर परिवार में इतनी कलह क्यों हो रही है कि उसके लिए सरकरी चिट्ठी-पत्री जारी की जा रही है।