भारत में रहकर भारत की खोज करना मौलिक घटना
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मंत्री के बयान पर कांग्रेस का तंज
भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह मंगलवार को प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान अब चर्चाओं में आया है, जिसमें उन्होंने भारत की खोज भारतीय नागरिक चंदन द्वारा किए जाने की बात कही थी। इसे लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस ने कहा है कि भारत में रहते हुए भारत की खोज करना इतिहास की मौलिक घटना है। इसे लेकर सरकार लेखक को नोबल पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करना चाहिए।
दरअसल दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि भारत को खोजने वाला वास्कोडिगामा नहीं था, बल्कि हमारे देश की एक गुजरात का व्यापारी चंदन था। चंदन व्यापार करने के लिए अफ्रीका के जंजीबार गया था। वहां के एक बंदरगाह पर वास्कोडिगामा ने अपने दुभाषिया के माध्यम से उससे कहा था कि वह भारत देखना चाहता है। इसके बाद व्यापारी ने कहा था कि आप मेरे पीछे-पीछे चलिए। असल में भारत की खोज इस व्यापारी ने ही की थी। यह बात वास्कोडिगामा ने खुद लिखा है कि व्यापारी चंदन का जहाज उसके जहाज की आगे आगे चल रहा था।
मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि भारत की खोज भारत में ही रहने.वाले चंदन नामक व्यापारी ने की है को सकारात्मक दृष्टि से देखना चाहिए। उन्होंने मांग की कि लेखक की इस पुस्तक को सरकार नोबल पुरुस्कार के लिए प्रस्तावित करे, ताकि प्रेरणा लेकर अनेक मौलिक इतिहासकार शोध के लिये आगे आयें। गुप्ता ने मांग की कि सरकार इस पर एक पीठ स्थापित कर रिसर्च करवाये कि चंदन नामक व्यापारी जिन देशों में व्यापार करने जाता था उन देशों की खोज करने का दावा उसने क्यों नहीं किया होगा।इतिहास के क्षेत्र में ऐसी पुस्तकें मध्यप्रदेश के छात्रों को नया सोच देंगी जिससे अपने घर में रहते हुए भी अपने घर की खोज की जा सकती है।
भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह मंगलवार को प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान अब चर्चाओं में आया है, जिसमें उन्होंने भारत की खोज भारतीय नागरिक चंदन द्वारा किए जाने की बात कही थी। इसे लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस ने कहा है कि भारत में रहते हुए भारत की खोज करना इतिहास की मौलिक घटना है। इसे लेकर सरकार लेखक को नोबल पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करना चाहिए।
दरअसल दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि भारत को खोजने वाला वास्कोडिगामा नहीं था, बल्कि हमारे देश की एक गुजरात का व्यापारी चंदन था। चंदन व्यापार करने के लिए अफ्रीका के जंजीबार गया था। वहां के एक बंदरगाह पर वास्कोडिगामा ने अपने दुभाषिया के माध्यम से उससे कहा था कि वह भारत देखना चाहता है। इसके बाद व्यापारी ने कहा था कि आप मेरे पीछे-पीछे चलिए। असल में भारत की खोज इस व्यापारी ने ही की थी। यह बात वास्कोडिगामा ने खुद लिखा है कि व्यापारी चंदन का जहाज उसके जहाज की आगे आगे चल रहा था।
मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि भारत की खोज भारत में ही रहने.वाले चंदन नामक व्यापारी ने की है को सकारात्मक दृष्टि से देखना चाहिए। उन्होंने मांग की कि लेखक की इस पुस्तक को सरकार नोबल पुरुस्कार के लिए प्रस्तावित करे, ताकि प्रेरणा लेकर अनेक मौलिक इतिहासकार शोध के लिये आगे आयें। गुप्ता ने मांग की कि सरकार इस पर एक पीठ स्थापित कर रिसर्च करवाये कि चंदन नामक व्यापारी जिन देशों में व्यापार करने जाता था उन देशों की खोज करने का दावा उसने क्यों नहीं किया होगा।इतिहास के क्षेत्र में ऐसी पुस्तकें मध्यप्रदेश के छात्रों को नया सोच देंगी जिससे अपने घर में रहते हुए भी अपने घर की खोज की जा सकती है।