एफआईआर में नाम को लेकर फिर घिरे मंत्री राजपूत, उठी इस्तीफे की मांग
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कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर वायरल की एफआईआर की कॉपी
भोपाल। सागर जिले के मानसिंह के अपहरण का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। मामले को लेकर कांग्रेस ने आज एफआईआर की कापी सोशल मीडिया पर जारी कर दावा किया है कि एफआईआर में कैबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत का नाम है। इसके पहले खुद मंत्री द्वारा मामले में अपने को क्लीन चिट देते हुए दावा किया था कि उनका नाम एफआईआर में नहीं है। मिश्रा ने मंत्री से इस्तीफा लेने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
सागर के मानसिंह के अपहरण के मामले को लेकर आज फिर कांग्रेस ने राज्य के केबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत के खिलाफ मोर्चा खोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने मामले की एफआईआर की कापी सोशल मीडिया पर जारी की है। उन्होंने इस बात का दावा किया है कि सागर ज़िले के बहुचर्चित किसान मानसिंह अपहरण प्रकरण को लेकर देश की शीर्ष अदालत ने एसआईटी गठित की। तदोपरारांत इस प्रकरण को लेकर चर्चा में आये मंत्री गोविंद राजपूत ने कहा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व एफआईआर में कहीं मेरे नाम का उल्लेख नहीं हैं, मेरे विरूद्ध साज़िश रची जा रही है। मिश्रा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को पद से हटाने के की मांग की है। उनका कहना है कि निष्पक्ष जांच के लिए गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद से हटाना जरूरी है। मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि यदि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भाजपा की मजबूती के लिए मजबूरी बन चुके हैं, तो उन्हें जांच पूरी हो जाने के बाद मुख्यमंत्री बना दिया जाना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से पूछा क्या आप मंत्री से लेंगे इस्तीफा?
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर एक किसान की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लंबे समय से लग रहा था। इस मामले में वह किसान 8 साल से गायब है और अब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। 22 अगस्त 2016 से गायब मानसिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने पिता के गायब होने की थाने में सूचना दी थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने भी इस मामले में लापरवाही बरती। अंततः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी गठित की गई। इस मामले में सरकारी दबाव और पुलिस की लीपापोती शुरू से ही साफ दिखाई दी, लेकिन, देश में न्याय अभी जिंदा है, क्या मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से इस्तीफा लेंगे’?
भोपाल। सागर जिले के मानसिंह के अपहरण का मामला एक बार फिर गर्मा गया है। मामले को लेकर कांग्रेस ने आज एफआईआर की कापी सोशल मीडिया पर जारी कर दावा किया है कि एफआईआर में कैबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत का नाम है। इसके पहले खुद मंत्री द्वारा मामले में अपने को क्लीन चिट देते हुए दावा किया था कि उनका नाम एफआईआर में नहीं है। मिश्रा ने मंत्री से इस्तीफा लेने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
सागर के मानसिंह के अपहरण के मामले को लेकर आज फिर कांग्रेस ने राज्य के केबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत के खिलाफ मोर्चा खोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने मामले की एफआईआर की कापी सोशल मीडिया पर जारी की है। उन्होंने इस बात का दावा किया है कि सागर ज़िले के बहुचर्चित किसान मानसिंह अपहरण प्रकरण को लेकर देश की शीर्ष अदालत ने एसआईटी गठित की। तदोपरारांत इस प्रकरण को लेकर चर्चा में आये मंत्री गोविंद राजपूत ने कहा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व एफआईआर में कहीं मेरे नाम का उल्लेख नहीं हैं, मेरे विरूद्ध साज़िश रची जा रही है। मिश्रा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को पद से हटाने के की मांग की है। उनका कहना है कि निष्पक्ष जांच के लिए गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद से हटाना जरूरी है। मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि यदि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भाजपा की मजबूती के लिए मजबूरी बन चुके हैं, तो उन्हें जांच पूरी हो जाने के बाद मुख्यमंत्री बना दिया जाना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से पूछा क्या आप मंत्री से लेंगे इस्तीफा?
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर एक किसान की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लंबे समय से लग रहा था। इस मामले में वह किसान 8 साल से गायब है और अब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। 22 अगस्त 2016 से गायब मानसिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने पिता के गायब होने की थाने में सूचना दी थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने भी इस मामले में लापरवाही बरती। अंततः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआईटी गठित की गई। इस मामले में सरकारी दबाव और पुलिस की लीपापोती शुरू से ही साफ दिखाई दी, लेकिन, देश में न्याय अभी जिंदा है, क्या मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से इस्तीफा लेंगे’?