यौन अपराधों को ना देखें राजनीतिक, साम्प्रदायिक नजर से
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भोपाल। ई-गांधी चौपाल की 110 वीं सभा में समाज में बढ़ते हुए यौन अपराधों एवं महिलाओं पर हो रही हिंसा पर गहन चिंता व्यक्त की गई। विमर्ष में गांधी चौपाल के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि यौन अपराधों को राजनीतिक उद्देश्यों से एवं सांप्रदायिक दृष्टि से देखने के कारण ही समाज में इन अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि चाहे कोलकाता हो या बदलापुर या लखनऊ या गाज़ीपुर सभी अपराध मातृशक्ति के ऊपर हमला हैं, किंतु कलकत्ते में बंद आयोजित करना और बदलापुर में बंद की अनुमति न देना दर्शाता है कि अपराधों की रोकथाम पर राजनीतिक लक्ष्य हावी हो रहे हैं। बैठक में एंड्राइड क्रांति के बाद आ रही जन सूचनाओं की बाढ़ पर चर्चा की गई और विभिन्न प्लेटफार्म पर पोर्न फिल्मों के दिखाए जाने तथा रेगुलेटरी संस्थाओं के उदासीन रहने से किशोर बच्चों में यौन कुंठायें बढ़ रहीं हैं। चौपाल में किड्स चैनलों जिन्हें 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे ही देख सकते हैं के कंटेंट की बारीकी से जांच करने का सुझाव दिया गया है। हाई कोर्ट अधिवक्ता दीपक सिंह ने चिंता व्यक्ति की कि 16 वर्ष से अधिक आयु के लिए बने हुए इन चैनलों को बच्चे ना देख पाएं इस हेतु उम्र के वेरिफिकेशन की पद्धति विकसित की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चाहे कोलकाता हो या बदलापुर या लखनऊ या गाज़ीपुर सभी अपराध मातृशक्ति के ऊपर हमला हैं, किंतु कलकत्ते में बंद आयोजित करना और बदलापुर में बंद की अनुमति न देना दर्शाता है कि अपराधों की रोकथाम पर राजनीतिक लक्ष्य हावी हो रहे हैं। बैठक में एंड्राइड क्रांति के बाद आ रही जन सूचनाओं की बाढ़ पर चर्चा की गई और विभिन्न प्लेटफार्म पर पोर्न फिल्मों के दिखाए जाने तथा रेगुलेटरी संस्थाओं के उदासीन रहने से किशोर बच्चों में यौन कुंठायें बढ़ रहीं हैं। चौपाल में किड्स चैनलों जिन्हें 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे ही देख सकते हैं के कंटेंट की बारीकी से जांच करने का सुझाव दिया गया है। हाई कोर्ट अधिवक्ता दीपक सिंह ने चिंता व्यक्ति की कि 16 वर्ष से अधिक आयु के लिए बने हुए इन चैनलों को बच्चे ना देख पाएं इस हेतु उम्र के वेरिफिकेशन की पद्धति विकसित की जानी चाहिए।