सदस्यता अभियान के चलते अटक सकती है नियुक्तियां
निगम-मंडल में पद के दावेदार साध रहे नेताओं को
भोपाल। भाजपा के सदस्यता अभियान के कारण एक बार फिर निगम-मंडल में नियुक्तियां अटक सकती है। वहीं पद के दावेदारों ने अपने आकाओं पर पद के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से निगम-मंडल में नियुक्तियों को लेकर अटकलें लगाई जाती रही, मगर पहले लोकसभा चुनाव और फिर संगठन के गतिविधियों के चलते इन्हें टाला जाता रहा। लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही निगम-मंडल में नियुक्तियां होंगी। इसके चलते पद के दावेदारों ने संगठन और वरिष्ठ नेताओं के यहां दबाव बनाना ष्शुरू कर दिया है, वहीं संगठन पदाधिकारियां के बीच नियुक्तियों को लेकर भी बैठकों का दौर जारी है। सूत्रों की माने तो राजनीतिक नियुक्तियों की एक सूची भी जारी होने वाली थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सदस्यता अभियान पहले सदस्यता अभियान के लक्ष्य को पूरा करने पर जोर दिया है। प्रदेश नेतृत्व अब इस बात पर विचार कर रहा है कि अभी राजनीतिक नियुक्तियां करने से सदस्यता अभियान पर असर पड़ सकता है। राज्य के नेताओं ने अपने केंद्रीय समकक्षों से दिशा निर्देश मांगे हैं।
भोपाल से दिल्ली तक बढ़ा रहे संपर्क
माना जा रहा है कि भाजपा के सदस्यता अभियान के दौरान राजनीतिक नियुक्तियों पर रोक लग सकती है। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महासचिव हितानंद शर्मा ने इस मुद्दे पर बैठक भी हुई है। सूत्रों की मानें तो संगठन तो नियुक्तियां करने को तैयार था, मगर मुख्यमंत्री इस बात को लेकर सहमत नहीं है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री का मानना है कि इससे सदस्यता अभियान पर असर पड़ेगा। वैसे भी मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि सदस्यता अभियान में पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के आधार पर राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही भाजपा के कई नेता राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। ये नेता निगम-मंडलों में पद के लिए दिल्ली और भोपाल में वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं।