कार्यकारिणी को लेकर नेताओं के बीच नहीं बन पा रही सहमति
0
चाहकर भी एकजुट नहीं हो पा रहे नेता
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष तो बदल दिया, मगर कार्यकारिणी का गठन अब तक नहीं हो पाया। बड़े नेताओं के बीच सहमति नहीं बनने के कारण मामला अटका हुआ है। दिल्ली में बैठे नेता भी चाहकर प्रदेश के इस मामले को सुलझा नहीं पा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बने करीब आठ माह बीत गए, मगर वे अब तक कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए हैं। कई बार की बैठकों के बाद उन्होंने कार्यकारिणी गठन के लिए नाम तय किए और दिल्ली भेजे, मगर दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस ने अब तक कार्यकारिणी को हरी झंडी नहीं दिखाई है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि बड़े नेताओं के बीच पदाधिकारियों के नामों पर सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है। खासकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थकों के नामों को लेकर मामला उलझ गया है। सूत्रां की माने तो पटवारी अपनी कार्यकारिणी में नए और मैदान में सक्रिय नेताओं को मौका देना चाहते हैं, मगर वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी भी वे नहीं करना चाहते। इसके चलते उन्होंने अपने नामों पर मोहर लगाकर दिल्ली भेज दिए। मगर दोनों वरिष्ठ नेताओं के समर्थकों खासकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के समर्थकों के नामों को अब तक हरी झंडी नहीं मिली है। इसके चलते मामला अटका हुआ है।
पद लेकर घर बैठने वालों की नहीं होगी नियुक्ति
कार्यकारिणी गठन को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितेन्द्र भंवर सिंह ने भी स्पष्ट किया है। कार्यकारिणी का मामला दिल्ली में अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी में उन्हें नेताओं को स्थान मिलेगा, जो मैदान में सक्रियता दिखाएंगे। पद लेकर घर बैठ जाने वालों को पद नहीं मिलेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुरानी कार्यकारिणी में हजारों की संख्या में ऐसे व्यक्तियों को पद मिले थे, जो पद लेने के बाद घर बैठे रहे। मैदान में नजर नहीं आए, अब प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी में मैदान में सक्रिय रहने वालों को ही पद दिया जाएगा।
कैंपस चलो अभियान आज से
कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई 24 अगस्त शनिवार से कैंपस चलो अभियान के तहत छात्र मांग पत्र को लेकर प्रदेश भर में चरणबद्ध तरीके से आयोजन करेगी। अभियान के प्रदेश मीडिया प्रभारी रवि परमार ने जानकारी देते हुए बताया कि हम इस अभियान के तहत प्रदेश के सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में जाएंगे और छात्रों से मुलाकात करेंगे।
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष तो बदल दिया, मगर कार्यकारिणी का गठन अब तक नहीं हो पाया। बड़े नेताओं के बीच सहमति नहीं बनने के कारण मामला अटका हुआ है। दिल्ली में बैठे नेता भी चाहकर प्रदेश के इस मामले को सुलझा नहीं पा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बने करीब आठ माह बीत गए, मगर वे अब तक कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए हैं। कई बार की बैठकों के बाद उन्होंने कार्यकारिणी गठन के लिए नाम तय किए और दिल्ली भेजे, मगर दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस ने अब तक कार्यकारिणी को हरी झंडी नहीं दिखाई है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि बड़े नेताओं के बीच पदाधिकारियों के नामों पर सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है। खासकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थकों के नामों को लेकर मामला उलझ गया है। सूत्रां की माने तो पटवारी अपनी कार्यकारिणी में नए और मैदान में सक्रिय नेताओं को मौका देना चाहते हैं, मगर वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी भी वे नहीं करना चाहते। इसके चलते उन्होंने अपने नामों पर मोहर लगाकर दिल्ली भेज दिए। मगर दोनों वरिष्ठ नेताओं के समर्थकों खासकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के समर्थकों के नामों को अब तक हरी झंडी नहीं मिली है। इसके चलते मामला अटका हुआ है।
पद लेकर घर बैठने वालों की नहीं होगी नियुक्ति
कार्यकारिणी गठन को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितेन्द्र भंवर सिंह ने भी स्पष्ट किया है। कार्यकारिणी का मामला दिल्ली में अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी में उन्हें नेताओं को स्थान मिलेगा, जो मैदान में सक्रियता दिखाएंगे। पद लेकर घर बैठ जाने वालों को पद नहीं मिलेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुरानी कार्यकारिणी में हजारों की संख्या में ऐसे व्यक्तियों को पद मिले थे, जो पद लेने के बाद घर बैठे रहे। मैदान में नजर नहीं आए, अब प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी में मैदान में सक्रिय रहने वालों को ही पद दिया जाएगा।
कैंपस चलो अभियान आज से
कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई 24 अगस्त शनिवार से कैंपस चलो अभियान के तहत छात्र मांग पत्र को लेकर प्रदेश भर में चरणबद्ध तरीके से आयोजन करेगी। अभियान के प्रदेश मीडिया प्रभारी रवि परमार ने जानकारी देते हुए बताया कि हम इस अभियान के तहत प्रदेश के सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में जाएंगे और छात्रों से मुलाकात करेंगे।