प्रदेश में अब पशु आवारा नहीं, निराश्रित कहलाएंगे
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पूर्व विधायक की आपत्ति के बाद बदला आदेश
भोपाल। प्रदेश में अब पशुओं को आवारा नहीं कहा जाएगा, बल्कि सरकार ने फैसला लिया है उन्हें निराश्रित पशु कहा जाएगा। सरकार ने यह फैसला भाजपा के पूर्व विधायक की आपत्ति के बाद लिया है।
दरअसल मंदसौर से पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में अब पशुओं को आवारा नहीं बोला जाएगा। उनके अनुरोध के बाद राज्य शासन ने सड़कों पर विचरण करने वाले पशुओं को ’आवारा’ के स्थान पर ’निराश्रित’ के रूप में संबोधित करने का निर्णय लिया है। अभी तक मध्यप्रदेश के शासन में भी सड़कों पर विचरण करने वाले पशुओं को पकड़ने या उनके लिए चलाई जा रही किसी भी मुहिम में उनको आवारा कहकर ही संबोधित किया जाता था, जिस पर भाजपा के मंदसौर पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने आपत्ति जताई थी।
सिसोदिया का कहना है कि संबोधन से उपजी मानसिकता में बदलाव किया जाना चाहिए। मवेशियों में गाय भी होती है और गौ माता को आवारा कहना कदापि उचित नहीं है। इस बात को लेकर मैंने 18 अगस्त सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में संसोधन करने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया था, जिसे उन्होंने गंभीरता से लिया और उन्होंने इसे संशोधित कराकर आवारा की जगह निराश्रित मवेशी करवा दिया है।
भोपाल। प्रदेश में अब पशुओं को आवारा नहीं कहा जाएगा, बल्कि सरकार ने फैसला लिया है उन्हें निराश्रित पशु कहा जाएगा। सरकार ने यह फैसला भाजपा के पूर्व विधायक की आपत्ति के बाद लिया है।
दरअसल मंदसौर से पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में अब पशुओं को आवारा नहीं बोला जाएगा। उनके अनुरोध के बाद राज्य शासन ने सड़कों पर विचरण करने वाले पशुओं को ’आवारा’ के स्थान पर ’निराश्रित’ के रूप में संबोधित करने का निर्णय लिया है। अभी तक मध्यप्रदेश के शासन में भी सड़कों पर विचरण करने वाले पशुओं को पकड़ने या उनके लिए चलाई जा रही किसी भी मुहिम में उनको आवारा कहकर ही संबोधित किया जाता था, जिस पर भाजपा के मंदसौर पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने आपत्ति जताई थी।
सिसोदिया का कहना है कि संबोधन से उपजी मानसिकता में बदलाव किया जाना चाहिए। मवेशियों में गाय भी होती है और गौ माता को आवारा कहना कदापि उचित नहीं है। इस बात को लेकर मैंने 18 अगस्त सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में संसोधन करने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया था, जिसे उन्होंने गंभीरता से लिया और उन्होंने इसे संशोधित कराकर आवारा की जगह निराश्रित मवेशी करवा दिया है।