पटवारी के निशाने पर पूर्व आईएएस, कार्रवाई की उठाई मांग
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दलितों, आदिवासियों की जमीन नियम विरूद्ध बेचने का उठाया मामला
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मालवा अंचल में दलित, आदिवासियों की पट्टे की जमीने नियम विरुद्ध तरीके से बेचने के मामले को उठाया और मुख्य सचिव एवं लोकायुक्त को पत्र भेजा है। इस पत्र में पटवारी ने नीमच के पूर्व कलेक्टर अजय सिंह गंगवार, रतलाम के पूर्व एसडीएम कैलाश बुंदेला, और आईएएस आरएस थेटे की शिकायत की है। पटवारी ने शिकायत में जिन अफसरों का उल्लेख किया है उनमें अजय सिंह गंगवार, आरएस थेटे रिटायर हो चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने नीमच जिले के पूर्व कलेक्टर अजय सिंह गंगवार और रतलाम के पूर्व एडीएम कैलाश बुंदेला द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति के सदस्यों की शासकीय पटटे की भूमि बेचने की थोकबंद अनुज्ञाएं देने से शासकीय भूमि बेचने की अनुमति देने के मामले में सख्त दण्डात्मक कार्यवाही करने हेतु लिखा गया है। पटवारी ने लिखा है कि रतलाम जिले के बाजना सैलाना में भी जनजाति के पट्टों की अनुमति धडल्ले से दी जा रही है। नीमच में कलेक्टर पद पर रहते हुए, पूर्व कलेक्टर अजय सिंह गंगवार ने मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 181 के अंतर्गत शासकीय पट्टे की भूमि अहस्तांतरणीय भूमि को बेचने की थोकबंद 24 अनुज्ञाएं जारी कर दी है। आरसीएमएस की ऑनलॉईन वेबसाईट का अवलोकन करने पर पता चलता है कि कलेक्टर अजय गंगवार ने भू राजस्व संहिता की धारा 165 के अंतर्गत लगभग 100 से अधिक अनुज्ञाएं जारी कर दी है जबकि उज्जैन व रतलाम जिले के अंतर्गत इस प्रकार की अनुज्ञाएं दिए जाने के मामलों को पूर्व संभागायुक्त एम बी ओझा ने संज्ञान में लेकर मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 32, 50 ए के अंतर्गत पुनरीक्षण में लिया था।
पत्र में उल्लेख किया है कि इसी प्रकार उज्जैन में आईएएस आर एस थेटे ने जो अनुमतियां दी। आयुक्त अरुण पाण्डेय ने वे भी निरस्त की। रतलाम में एडीएम रहते हुए कैलाश बुंदेला ने जो अनुमतियां दी वे अनुमतियों आयुक्त एमबी ओझा ने निरस्त की। इस प्रकार पहले अनुमति देकर जमीन बिकवाने और बाद में अनुमति निरस्त कर अजा अजजा के गरीब लोगों को कोर्ट कचहरी के केस में लंबे समय तक उलझा कर रखने का षड्यंत्र चल रहा है।
अवैधानिक नियुक्तियों को निरस्त करें
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने संपूर्ण मामले की जांच कर मध्यप्रदेश में जितने भी कलेक्टरों ने अजा अजजा वर्ग की पट्टे की जमीन बेचने की अनुमति दी है उन सभी कलेक्टरों की अवैधानिक अनुमतियों को निरस्त करें और कलेक्टरों को जेल भेजें और आर्थिक क्षतिपूर्ति इन कलेक्टरों की वैध-अवैध संपत्तियां बेचकर की जाए जिससे कि समाज में उदाहरण स्थापित हो सके तथा प्रभावित दलित आदिवासियों को उनकी जमीन का पट्टा एवं कब्जा वापस देकर जितने में जमीन बिकी उतना मुआवजा भी दिया जाए जिससे उनके आर्थिक हितों पर कुठाराघात ना हो।
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मालवा अंचल में दलित, आदिवासियों की पट्टे की जमीने नियम विरुद्ध तरीके से बेचने के मामले को उठाया और मुख्य सचिव एवं लोकायुक्त को पत्र भेजा है। इस पत्र में पटवारी ने नीमच के पूर्व कलेक्टर अजय सिंह गंगवार, रतलाम के पूर्व एसडीएम कैलाश बुंदेला, और आईएएस आरएस थेटे की शिकायत की है। पटवारी ने शिकायत में जिन अफसरों का उल्लेख किया है उनमें अजय सिंह गंगवार, आरएस थेटे रिटायर हो चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने नीमच जिले के पूर्व कलेक्टर अजय सिंह गंगवार और रतलाम के पूर्व एडीएम कैलाश बुंदेला द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति के सदस्यों की शासकीय पटटे की भूमि बेचने की थोकबंद अनुज्ञाएं देने से शासकीय भूमि बेचने की अनुमति देने के मामले में सख्त दण्डात्मक कार्यवाही करने हेतु लिखा गया है। पटवारी ने लिखा है कि रतलाम जिले के बाजना सैलाना में भी जनजाति के पट्टों की अनुमति धडल्ले से दी जा रही है। नीमच में कलेक्टर पद पर रहते हुए, पूर्व कलेक्टर अजय सिंह गंगवार ने मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 181 के अंतर्गत शासकीय पट्टे की भूमि अहस्तांतरणीय भूमि को बेचने की थोकबंद 24 अनुज्ञाएं जारी कर दी है। आरसीएमएस की ऑनलॉईन वेबसाईट का अवलोकन करने पर पता चलता है कि कलेक्टर अजय गंगवार ने भू राजस्व संहिता की धारा 165 के अंतर्गत लगभग 100 से अधिक अनुज्ञाएं जारी कर दी है जबकि उज्जैन व रतलाम जिले के अंतर्गत इस प्रकार की अनुज्ञाएं दिए जाने के मामलों को पूर्व संभागायुक्त एम बी ओझा ने संज्ञान में लेकर मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 32, 50 ए के अंतर्गत पुनरीक्षण में लिया था।
पत्र में उल्लेख किया है कि इसी प्रकार उज्जैन में आईएएस आर एस थेटे ने जो अनुमतियां दी। आयुक्त अरुण पाण्डेय ने वे भी निरस्त की। रतलाम में एडीएम रहते हुए कैलाश बुंदेला ने जो अनुमतियां दी वे अनुमतियों आयुक्त एमबी ओझा ने निरस्त की। इस प्रकार पहले अनुमति देकर जमीन बिकवाने और बाद में अनुमति निरस्त कर अजा अजजा के गरीब लोगों को कोर्ट कचहरी के केस में लंबे समय तक उलझा कर रखने का षड्यंत्र चल रहा है।
अवैधानिक नियुक्तियों को निरस्त करें
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने संपूर्ण मामले की जांच कर मध्यप्रदेश में जितने भी कलेक्टरों ने अजा अजजा वर्ग की पट्टे की जमीन बेचने की अनुमति दी है उन सभी कलेक्टरों की अवैधानिक अनुमतियों को निरस्त करें और कलेक्टरों को जेल भेजें और आर्थिक क्षतिपूर्ति इन कलेक्टरों की वैध-अवैध संपत्तियां बेचकर की जाए जिससे कि समाज में उदाहरण स्थापित हो सके तथा प्रभावित दलित आदिवासियों को उनकी जमीन का पट्टा एवं कब्जा वापस देकर जितने में जमीन बिकी उतना मुआवजा भी दिया जाए जिससे उनके आर्थिक हितों पर कुठाराघात ना हो।