MP: खरगोन में चांदीपुरा वायरस का खतरा मंडराया, एक संदिग्ध मिला, मच्छर-मक्खाी से फैलता है
खरगोन/इंदौर. एमपी के खरगोन में चांदीपुरा वायरस जैसे लक्षण एक युवक में पाए गए है. युवक की हालत को देखते हुए इंदौर के एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया है. इसके बाद सेम्पल जांच के लिए पुणे भेजा गया है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी.
सूत्रों के अनुसार कसराबाद क्षेत्र के पीपलगोन में रहने वाले युवक की तबियत बिगडऩे के कारण परिजनों ने इंदौर के एक निजी अस्पताल पहुंचाया. जहां पर डाक्टरों ने युवक की हालत को देखते हुए भरती कर लिया, युवक के शरीर पर लक्षण देखते हुए चांदीपुरा वायरस होने की आशंका व्यक्त की गई. इसके बाद सेम्पल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजा गया. चांदीपुरा वायरस के मरीज गुजरात व राजस्थान में तेजी से बढ़ रहे है, वहीं एमपी में एक संदिग्ध मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. इसका वायरस मच्छर, मक्खी, सेंड फ्लाई जैसे वेक्टर के काटने से होता है. चांदीपुरा वायरस के लिए कोई विशेष एंटी वायरल उपचार उपलब्ध नहीं है. चूंकि यह घातक बीमारी है और इसके लक्षण तेजी से बिगड़ सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि जांच में इसका समय पर पता लगाया जा सके और इलाज के समय ठीक से देखभाल हो. वायरस के संक्रमण से मस्तिष्क के टिश्यूज में सूजन या जलन होने लगती है. आमतौर पर तेज बुखार इसका शुरुआती लक्षण होता है. चांदीपुरा वायरस नाम सुनने में नया लग सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है. इसका पहला केस 1965 में महाराष्ट्र के एक गांव चांदीपुरा में सामने आया था. इसीलिए इसका नाम चांदीपुरा पड़ गया.