तेरहवीं, मृत्यु भोज और विवाह पर अनावश्यक खर्च को कम करें
मुख्यमंत्री ने की अपील, कहा 25 हजार स्थानों पर होंगे बहनों के सम्मान में कार्यक्रम
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने महिला सरपंचों और लाड़ली बहनों से तेरहवीं, मृत्य भोज और विवाह पर अनावश्यक व्यय को कम करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में कोई योजना बंद नहीं करेगी। संकल्प पत्र का अक्षरशः पालन किया जाएगा। बहनों के सम्मान में प्रदेश में 10 अगस्त को 25 हजार स्थानों पर कार्यक्रम कार्यक्रम होंगे। इस दिन लाड़ली बहनों के खातों में जारी होंगे 1250 रूपए के साथ रक्षाबंधन शगुन के 250 रूपए भी डाले जाएंगे।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने यह बात आज अपने निवास पर आयोजित रानी दुर्गावति महिला सम्मेलन और लाड़ली बहना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने बहनों के सम्मान और स्नेह के प्रतीक, रक्षाबंधन पर्व को पूरे उल्लास के साथ मनाने का निर्णय लिया है। संपूर्ण प्रदेश में 25 हजार स्थान पर 10 अगस्त को कार्यक्रम होंगे और सिंगल क्लिक से लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपए तथा रक्षाबंधन के शगुन 250 रूपए अलग से जारी किए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा कोई योजना बंद नहीं की जाएगी, अपितु संकल्प पत्र में जो कहा गया है वे सभी योजनाएं व कार्यक्रम लागू होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन संस्कृति में त्यौहारों का विशेष महत्व है, जो लंबी गुलामी के परिणामस्वरूप प्रभावित हुआ। अपनी धरोहर, संस्कृति और सम्मान के लिए रानी दुर्गावती ने जिस शौर्य और पराक्रम से संघर्ष किया, वह सदैव स्मरणीय रहेगा। रानी दुर्गावती की जयंती का वर्तमान में 500वां वर्ष चल रहा है। महिला सशक्तिकरण की प्रतीक महिला सरपंचों का सम्मेलन रानी दुर्गावती की स्मृति में ही आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के बाद जन्माष्टमी भी आने वाली है। इस पर्व पर पंचायतों में बच्चों के लिए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं और जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाए।
व्यर्थ के खर्चों को कम करें, बच्चों की पढ़ाई में लगाएं पैसे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रक्षाबंधन के पवित्र अवसर पर सभी बहनें परिवारों में व्यर्थ के खर्चों को कम करने का संकल्प लें। तेरहवीं और मृत्यु भोज इत्यादि पर अनावश्यक व्यय से बचा जाए, विवाह भी सादगीपूर्ण तरीके से किए जाएं। इन गतिविधियों में कर्ज लेकर या अचल सम्पत्ति बेचकर भी पैसा लगाया जाता है, ऐसी स्थिति से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। इस प्रकार की गतिविधियों को हतोत्साहित कर तथा सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में परिवार के युवाओं का विवाह कर जमा पूंजी बचाई जा सकती है। परिवार के संसाधनों का उपयोग बच्चों की पढ़ाई-लिखाई तथा परिवार की बेहतरी के लिए किया जाए।
राष्ट्रीय पर्व के समान हो “हर घर तिरंगा अभियान“ का आयोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से “हर घर तिरंगा अभियान“ आरंभ हो रहा है। सभी सरपंच सुनिश्चित करें कि उनकी पंचायतों में सभी घरों पर तिरंगा लहराया जाए। देश की आजादी के लिए शहीद होने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और क्रांतिकारियों के योगदान के लिये यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी के समान ही हर घर तिरंगा अभियान का आयोजन गरिमामय तरीके से किया जाए।